उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में बीते 23 मार्च को कुर्मी महाकुंभ का आयोजन किया गया था। तरुण पटेल भी उसे कार्यक्रम में आए थे। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जब मीडिया ने मंच से दिए गए भाषण का जिक्र करते हुए उनसे सवाल किया तो उन्होंने राणा सांगा को लेकर विवादित बयान दिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर जंग शुरू हो गई। लोग उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग करने लगे। फिलहाल उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।

कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी तरुण पटेल द्वारा राणा सांगा पर दिए गए विवादित बयान से बवाल मच गया है। पटेल ने राणा सांगा और उनके वंशजों को गद्दार कहा था। इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोग तरुण पटेल के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग करने लगे। कुछ लोगों ने फोन और मैसेज के जरिए उन्हें धमकी भी दिया। राजपूत समाज सहित कई हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया। उनका कहना है कि राणा सांगा ने विदेशी आक्रमणकारियों से देश की रक्षा की थी। ऐसे महापुरुष का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सोशल मीडिया पर बवाल शुरू होने के बाद कुर्मी महासंघ का एक बयान आया कि तरुण पटेल के बयान से कुर्मी महासंघ का कोई लेना-देना नहीं है। यह बयान उनका राजनीतिक और निजी है। कांग्रेस ने भी इस विवाद से किनारा कर लिया है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि यह तरुण पटेल का निजी बयान था और पार्टी इसकी निंदा करती है। विरोध बढ़ने पर तरुण पटेल ने सफाई दी है।

तरुण पटेल के गिरफ्तारी की मांग

क्षत्रिय समाज ने पटेल की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। समाज के लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द गिरफ्तारी नहीं हुई तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। नगर कोतवाल विवेक त्रिवेदी ने कहा कि पुलिस साक्ष्यों के आधार पर जांच कर रही है। और जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

जानिए क्या दिया था बयान

तरुण पटेल ने कहा था कि भारत को एकता के सूत्र में बांधने में सरदार पटेल के अलावा अकबर, बाबर और शाहजहां की भूमिका रही है। साथ ही उन्होंने राणा सांगा को देशद्रोही बताते हुए कहा था कि इब्राहिम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा ने ही बाबर को आमंत्रित किया था। इसलिए अगर बाबर देशद्रोही हैं। तो राणा सांगा भी देशद्रोही हैं। वह यही नहीं रुके राम मंदिर तोड़ने वाले मुगल तानाशाह बाबर को देश की एकता का सूत्रधार बताया था। हालांकि की बाद में उन्होंने कहां की उनका बयान किसी को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से नहीं दिया गया था। वह बार-बार अपने को इतिहास का विद्यार्थी बता रहे थे।

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