समाजवादी पार्टी (SP) के सदस्य रामजी लाल सुमन द्वारा राणा सांगा पर दी गई विवादित टिप्पणी के मुद्दे पर शुक्रवार को राज्यसभा में भारी हंगामा हुआ, जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इस मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। सभापति जगदीन धनखड़ ने कहा कि राणा सांगा राष्ट्रभक्ति के प्रतीक हैं और उनके बारे में की गई अमर्यादित टिप्पणी स्वीकार नहीं की जा सकती।

सभापति ने यह भी कहा कि सुमन ने जो टिप्पणी की है, उसे सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया है।

संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि सभापति ने राणा सांगा के बारे में देश की भावना को प्रतिबिंबित किया है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस को भी सुमन द्वारा कही गई बातों को खंडन करना चाहिए।

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सभापति धनखड़ की ओर से राणा सांगा के बारे में जो बातें कही गई है, वह उससे पूरी तरह सहमत है।

उन्होंने कहा कि लेकिन यह कतई उचित नहीं है कि उनके आवास पर हमले किए जाए और बुलडोजर चलाया जाए।

खरगे ने यह भी कि सुमन की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।

भारतीय जनता पार्टी के राधामोहन दास अग्रवाल ने कहा सुमन ने अपनी टिप्पणी वापस नहीं ली है बल्कि यह कहा है कि वह मरते दम तक अपनी बात पर अडिग रहेंगे।

उन्होंने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष ने सुमन के दलित होने का मुद्दा उठाकर राणा सांगा का भी अपमान किया है। उन्होंने कहा कि सुमन और कांग्रेस जब तक माफी नहीं मांग लेते तक भाजपा इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि समुन की टिप्पणी निंदनीय है और देश के वीरों का अपमान है। उन्होंने आसन से आग्रह किया कि सुमन की टिप्पणी की सदन में निंदा की ताकि सही संदेश जाए।

इसके बाद सभापति ने सुमन को बोलने का अवसर दिया।

सुमन ने अभी बोलना आरंभ भी नहीं किया था कि सत्ता पक्ष के सदस्यो ने हंगामा तेज कर दिया। हंगामा बढ़ता देख सभापति ने करीब 11 बजकर 29 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

ज्ञात हो कि 21 मार्च को राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा पर बहस में हिस्सा लेते हुए रामजी लाल सुमन राणा सांगा पर विवादित टिप्पणी की थी।

इसके विरोध में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को आगरा स्थित सांसद सुमन के आवास पर तोड़फोड़ की थी।

सुमन के आवास पर हमले के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हिंसा की निंदा की और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाया था।

उन्होंने कहा कि सपा राणा सांगा की बहादुरी पर सवाल नहीं उठा रही है। उन्होंने दावा किया था कि हमला ‘सुमन के दलित होने के कारण’ हुआ।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights