राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के दौरान आज सोमवार को फिर से जबरदस्त हंगामा और गतिरोध देखने को मिला।

राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही सोमवार को कांग्रेस विधायकों के हंगामे के बीच शुरू होने के 13 मिनट बाद स्थगित कर दी गई।

विपक्षी कांग्रेस विधायक शुक्रवार शाम से ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर एक मंत्री की टिप्पणी के खिलाफ विधानसभा में धरना दे रहे हैं और पार्टी के छह विधायकों का निलंबन वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के 13 मिनट के बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सोमवार की सुबह 11 बजे प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने सदन में आसन के समक्ष पहुंच कर हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने नारेबाजी की और सदन की कार्यवाही बाधित करने की कोशिश की।

हंगामे के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सूचीबद्ध प्रश्न कराए और कार्यवाही जारी रखी। देवनानी ने निलंबित विधायकों को सदन से बाहर जाने को भी कहा, लेकिन वे सदन में मौजूद रहे और विरोध प्रदर्शन जारी रखा।

जब कांग्रेस विधायकों का विरोध जारी रहा और निलंबित विधायक सदन से बाहर नहीं गए, तो अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

उल्लेखनीय है कि मंत्री अविनाश गहलोत ने शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास संबंधी प्रश्न का उत्तर देते समय विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा था, ‘‘2023-24 के बजट में भी आपने हर बार की तरह अपनी ‘दादी’ इंदिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा था।’’

इस टिप्पणी के बाद सदन में भारी हंगामा हुआ था, जिसके कारण तीन बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, रामकेश मीणा, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन, हाकम अली और संजय कुमार सहित छह कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया गया। सदन स्थगित होने के बाद कांग्रेस विधायकों ने मंत्री से माफी मांगने और निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए विधानसभा में धरना शुरू कर दिया।

विपक्षी कांग्रेस पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सोमवार को विरोध प्रदर्शन करेंगे और विधानसभा का घेराव करेंगे।

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