भाजपा नेता और जिला परिषद के पूर्व सदस्य अनिल टाइगर की बुधवार को हुई हत्या के विरोध में भाजपा और आजसू (NDA) ने गुरुवार को शांतिपूर्ण बंद का आह्वान किया।

इस बंद को समर्थन देने के लिए सुबह से ही रांची के बाहरी इलाकों में कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर और सड़कों को जाम करके अपना गुस्सा जाहिर किया। दूसरी ओर, पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए सुबह से ही कई भाजपा नेताओं को हिरासत में लेना शुरू कर दिया।

एनडीए का कहना है कि अनिल टाइगर की हत्या से राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति साफ हो गई है। बंद के दौरान समर्थकों ने रांची से सटे इलाकों में सड़कें बंद कर दीं और नारे लगाए। कई जगहों पर टायर जलाने से धुआं फैल गया, इससे आने-जाने वालों को परेशानी हुई। प्रदर्शनकारी हत्यारों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार अपराध को रोकने में नाकाम रही है।

पुलिस ने बंद को देखते हुए सख्त रुख अपनाया। सुबह से ही भाजपा के कई नेताओं को हिरासत में लिया गया, ताकि प्रदर्शन हिंसक न हो। रांची पुलिस ने इलाके में अतिरिक्त जवान तैनात किए हैं और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

अधिकारियों का कहना है कि वे स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और किसी भी तरह की अशांति को रोकने के लिए तैयार हैं।

यह घटना एनडीए के लिए बड़ा सियासी मुद्दा बन गई है। अनिल टाइगर की हत्या के बाद से ही भाजपा और आजसू सरकार पर हमलावर हैं।

वहीं, सत्ताधारी पक्ष ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है। पुलिस हत्या की जांच कर रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला। बंद की वजह से रांची के बाहरी इलाकों में दिन भर तनाव रहा और सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।

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