सरकार ने गुरुवार को 2024-25 के अंतरिम बजट में रक्षा बजट बढ़ाकर 6.21 लाख करोड़ रुपये कर दिया, जो पिछले वित्त वर्ष के 5.94 लाख करोड़ रुपये के आवंटन से 4.72 प्रतिशत अधिक है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा गुरुवार को संसद में पेश बजट में 13 प्रतिशत से अधिक का आवंटन रक्षा मंत्रालय को किया गया है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, बढ़े हुए बजटीय आवंटन से सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक, विशिष्ट प्रौद्योगिकी वाले घातक हथियारों, लड़ाकू विमानों, जहाजों, प्लेटफार्मों, मानव रहित हवाई वाहनों, ड्रोन और विशेषज्ञ वाहनों सहित अन्य से लैस करने में सुविधा होगी।
मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि मौजूदा सुखोई-30 बेड़े के नियोजित आधुनिकीकरण के साथ-साथ विमानों की अतिरिक्त खरीद, मौजूदा मिग-29 के लिए उन्नत इंजनों का अधिग्रहण, परिवहन विमान सी-295 और मिसाइल प्रणालियों के अधिग्रहण को आवंटित बजट से वित्त पोषित किया जाएगा।
इसके अलावा, ‘मेक इन इंडिया’ की पहल को आगे बढ़ाने के लिए, घरेलू उत्पादन में अत्याधुनिक तकनीक सुनिश्चित करने के लिए एलसीए एमके-1 आईओसी/एफओसी कॉन्फ़िगरेशन को अतिरिक्त रूप से वित्त पोषित किया जाएगा।
मंत्रालय ने कहा, “भारतीय नौसेना की परियोजनाएं जैसे जहाज पर उतरने वाले लड़ाकू विमानों, पनडुब्बियों, अगली पीढ़ी के सर्वेक्षण जहाजों आदि की खरीद इस आवंटन के माध्यम से पूरी की जाएगी।”
मंत्रालय ने कहा कि आवंटन का बड़ा हिस्सा देश को घरेलू स्तर पर निर्मित अगली पीढ़ी की हथियार प्रणाली प्रदान करने के लिए घरेलू स्रोतों के माध्यम से खरीद के लिए उपयोग किया जाएगा, जिसका जीडीपी पर कई गुना प्रभाव पड़ेगा, रोजगार पैदा होंगे, पूंजी निर्माण सुनिश्चित होगा और घरेलू अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रक्षा के लिए बजटीय आवंटन वित्त वर्ष 2022-23 के आवंटन से लगभग एक लाख करोड़ (18.35 प्रतिशत) अधिक है और वित्त वर्ष 23-24 के आवंटन से 4.72 प्रतिशत अधिक है।
मंत्रालय के कुल आवंटन में से, 27.67 प्रतिशत का एक बड़ा हिस्सा पूंजीगत व्यय के लिए इस्तेमाल होता है, 14.82 प्रतिशत नियमित कार्यों और परिचालन तैयारियों पर राजस्व व्यय के लिए, 30.68 प्रतिशत वेतन और भत्ते के लिए, 22.72 प्रतिशत पेंशन के लिए और 4.11 प्रतिशत नागरिक संगठनों के लिए जाता है।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रक्षा में पूंजीगत व्यय के लिए बजटीय आवंटन 1.72 लाख करोड़ रुपये है जो वित्त वर्ष 22-23 के वास्तविक व्यय से 20.33 प्रतिशत अधिक है और वित्त वर्ष 23-24 के संशोधित आवंटन से 9.40 प्रतिशत अधिक है।
मंत्रालय ने कहा कि यह आवंटन तीनों सेनाओं की दीर्घकालिक एकीकृत परिप्रेक्ष्य योजना (एलटीआईपीपी) के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य वित्त वर्ष 2024-25 में कुछ बड़े अधिग्रहणों को मूर्त रूप देकर सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के माध्यम से महत्वपूर्ण क्षमता अंतराल को भरना है।