दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को छह महिला पहलवानों द्वारा दर्ज कथित यौन उत्पीड़न मामले में भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर बहस फिर से शुरू की। पुलिस ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत के समक्ष अपनी दलीलें पेश कीं, जिसमें दावा किया गया कि सिंह और सह-आरोपी, डब्ल्यूएफआई के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ मुकदमा आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त प्रथम दृष्टया सबूत हैं।
सिंह को उस दिन के लिए व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी गई थी। कोर्ट शनिवार को भी मामले की सुनवाई जारी रखेगी।
ताज़ा सुनवाई राउज़ एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के स्थानांतरण से शुरू हुई, जिन्होंने पहले मामले की अध्यक्षता की थी।
चूंकि पूर्ववर्ती न्यायाधीश पहले ही व्यापक दलीलें सुन चुके थे, इसलिए पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने नए सिरे से सुनवाई की जरूरत पर जोर दिया था, खासकर आरोप तय करने पर।
स्थानांतरण होने पर आदेश सुरक्षित रखने से पहले मामला स्पष्टीकरण के चरण में था।
इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के बारे में अपना पक्ष रखते हुए लिखित दलीलें पेश की थीं।
एसीएमएम जसपाल ने दलीलों की प्रति आरोपी और शिकायतकर्ता के वकीलों को सौंपी थी।
शिकायतकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील हर्ष बोरा ने पहले लिखित दलीलें पेश की थीं।
पिछले साल 30 अक्टूबर को अदालत ने मामले में वकीलों को अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था और पक्षों के सामने इस बात पर जोर दिया था कि दलीलें व्यवस्थित तरीके से समाप्त की जाएंगी।
सिंह के वकील ने 22 नवंबर, 2023 को लिखित दलीलें पेश की थीं।
भाजपा सांसद ने पहले छह महिला पहलवानों द्वारा उनके खिलाफ दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के मामले की सुनवाई करने वाली दिल्ली अदालत के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाया था और दावा किया था कि भारत में कोई कार्रवाई या परिणाम नहीं हुआ था।
हालांकि, अभियोजन पक्ष ने कहा था कि पीड़िताओं का यौन उत्पीड़न लगातार किया जाता रहा है, इसलिए किसी विशेष समय का उल्लेेेख नहीं किया जा सकता।
दिल्ली पुलिस ने अदालत को यह भी बताया था कि सिंह ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का कोई मौका नहीं छोड़ा, साथ ही कहा कि उसके खिलाफ आरोप तय करने और मुकदमे को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।