उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए गेहूं बिक्री की प्रक्रिया को पहले से ज्यादा आसान बना दिया है। अब किसान 100 कुंतल से अधिक गेहूं सत्यापन के बिना भी बेच सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खाद्य एवं रसद विभाग ने शनिवार को यह निर्णय लिया, जिससे किसानों को रिकॉर्ड में त्रुटियों या सत्यापन की जटिलताओं के चलते परेशानी का सामना न करना पड़े।
क्या है नई व्यवस्था?पंजीकृत किसान बिना सत्यापन के 100 कुंतल तक गेहूं बेच सकते हैं। सत्यापन होने पर किसान अपनी अनुमानित उत्पादन क्षमता के 3 गुना तक गेहूं बेच सकेंगे। यह बदलाव किसानों को अभिलेखों में गड़बड़ी या सत्यापन में देरी के कारण होने वाली समस्याओं से बचाने के लिए किया गया है।
पंजीकरण कैसे करें?
किसान गेहूं बिक्री के लिए fcs.up.gov.in पोर्टल या UP KISHAN MITRA मोबाइल ऐप के माध्यम से पंजीकरण या नवीनीकरण कर सकते हैं।मूल्य और अतिरिक्त लाभकिसानों से 2425 रुपये प्रति कुंतल की दर से गेहूं खरीदा जा रहा है। इसके साथ ही 20 रुपये प्रति कुंतल अतिरिक्त भुगतान उतराई, छनाई और सफाई के लिए भी दिया जा रहा है। गेहूं की खरीद मोबाइल क्रय केंद्रों के माध्यम से की जा रही है। किसान अवकाश के दिनों में भी क्रय केंद्रों पर गेहूं बेच सकते हैं।
सहायता के लिए यहां करें सम्पर्क
किसी भी समस्या की स्थिति में किसान टोल फ्री नंबर 18001800150 पर संपर्क कर सकते हैं या अपने क्षेत्र के खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील या ब्लॉक स्तर के विपणन अधिकारी से जानकारी प्राप्त कर सकते है।