यूपी के आगरा जिले में दयालबाग स्थित राधा स्वामी सत्संग का विवाद गहराता जा रहा है। बीते दिनों यहां अवैध कब्जा हटाने गई पुलिस-प्रशासन की टीम और सत्संगी आमने-सामने आ गए थे। इस दौरान डीसीपी-एसीपी समेत 20 पुलिस वाले घायल हो गए थे। जबकि सत्संगियों की तरफ भी कई लोगों के घायल होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद किसानों ने सत्संगियों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए महापंचायत का ऐलान किया था। फिलहाल महापंचायत टल गई है। राधास्वामी सत्संग सभा दयालबाग के जमीन विवाद मामले में दस गांवों की महापंचायत अब 1 अक्तूबर को होनी थी। इसको लेकर लालगढ़ी निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य चौ. भूरी सिंह ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में राधास्वामी सत्संग सभा की याचिका पर 5 अक्तूबर को सुनवाई के बाद ही किसान महापंचायत करेंगे। नई तारीख की घोषणा किसानों के साथ बात करके की जाएगी।
दयालबाग के भूरी सिंह का आरोप है कि हर शहर में वह गरीबों की जमीनों को इसी तरह से हथिया रहे हैं। जानकारी के अनुसार भूरी सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश के राजा बरारी में राधास्वामी सत्संग सभा और डीईआई ने आगरा की तरह ही कंटीले तारों की बाड़ वनभूमि पर लगा दी थी, जिस पर आदिवासियों और सत्संगियों के बीच हिंसक संघर्ष भी हो चुका है। राजा बरारी में चार जिलों के हजारों आदिवासी 7 हजार एकड़ वनभूमि को वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर चुके हैं। किसानों का आरोप है कि सत्संग सभा के सभी शहरों में एक जैसे जमीन विवाद और तारबंदी के विवाद हैं। हर शहर में वह कंटीले तारों और गेट लगाकर सरकारी जमीन घेर रहे हैं।
वहीं चौ. बहादुर सिंह ने भी आरोप लगाते हुए कहा कि राधास्वामी सत्संग सभा का आगरा में जमीन को लेकर हुआ विवाद तो जानकारी में है ही, लेकिन इसके अलावा अन्य शहरों में भी सभा की जमीनी विवाद चल रहा है। राधास्वामी सत्संग सभा दयालबाग के खिलाफ जिस तारबंदी और सड़कों पर गेट लगाने के आरोप जिले के दस गांवों के ग्रामीण लगा रहे हैं, वैसे ही जमीन विवाद सत्संग सभा के साथ देश के अन्य शहरों में भी हैं।
किसान नेता सौरभ चौधरी ने मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी से मिलकर ज्ञापन सौंपा। जिसमें दयालबाग में राधास्वामी सत्संग सभा की ओर से सार्वजनिक सड़कों पर लगाए गए गेट हटाने और हाईकोर्ट में प्रभावी पैरवी कराने, सभा के पदाधिकारियों को भूमाफिया घोषित करने की मांग की गई है। इस मामले में राधास्वामी सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी एसके नैय्यर से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया। पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह का कहना है कि दयालबाग सत्संग सभा के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। सुनवाई पूरी होने के बाद ही इस संबंध में कोई निर्णय लिया जाएगा।