यूपी सहित पूरे देश में यूजी और पीजी की मेडिकल काउंसलिंग के तौर-तरीके और नियमों में बदलाव की तैयारी है। वर्ष 2023-24 के लिए होने वाली राज्यों और ऑल इंडिया की काउंसलिंग को एक साथ कराया जाएगा। वहीं काउंसलिंग में अब वर्चुअली शामिल होने की भी सुविधा मिल सकेगी। काउंसलिंग के पहले दो राउंड में अभ्यर्थी वर्चुअली शामिल हो सकेंगे और सीट छोड़ भी सकेंगे। सीटें अपग्रेड करने का सिलसिला भी अब अंतिम राउंड तक चलेगा। निजी कॉलेजों के लिए कॉमन काउंसलिंग कराया जाना प्रस्तावित है।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मेडिकल काउंसलिंग में किए जाने वाले बदलावों का मसौदा तैयार कर लिया है। इस ड्राफ्ट को सभी राज्यों को भेजा गया है। उनसे चार दिन में इस पर राय या सुझाव मांगे गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक और एमसीसी (मेडिकल काउंसलिंग कमेटी) के चेयरमैन प्रोफेसर अतुल गोयल की ओर से भेजे गए इस ड्राफ्ट में करीब आधा दर्जन बदलावों को शामिल किया गया है। अभी तक राज्यों की और ऑल इंडिया काउंसलिंग अलग-अलग कराई जाती है। मगर अब इसे एक साथ कराने का प्रस्ताव है ताकि अभ्यर्थी अपनी सीटों को लेकर उचित निर्णय ले सकें कि उन्हें राज्य कोटे से या ऑल इंडिया कोटे से सीटों का चयन करना है।’

अब अभ्यर्थियों को डायनमिक काउंसलिंग का नया विकल्प मिलेगा। इसके तहत अब वे शुरुआती दो राउंड की काउंसलिंग में वर्चुअली शामिल हो सकेंगे  जबकि तीसरे राउंड में उन्हें भौतिक रूप से शामिल होना होगा। निजी कॉलेजों की अब अलग से कॉमन काउंसलिंग कराने का प्रस्ताव है। राज्यों से ऐसी सीटों को चिन्हित कर उनकी सूची भेजने को कहा गया है।

एमसीसी सभी प्रतिभागी संस्थानों को एक अलग सॉफ्टवेयर मुहैया कराएगा। इसकी मदद से अभ्यर्थी अपने प्रमाणपत्रों की स्कैन कॉपी अपलोड कर सकेंगे। नोडल अधिकारी इन प्रमाणपत्रों की ऑनलाइन ही जांच कर सकेंगे। अभ्यर्थियों को पहले राउंड की शुरुआत में ही कॉलेजों की अपनी च्वाइस फिलिंग करनी होगी। काउंसलिंग के अंतिम राउंड तक यही क्रम बरकरार रहेगा। नई सीटों को लेकर एमसीसी ने स्पष्ट किया है कि काउंसलिंग शुरू होने पर सीटों की मौजूदा मेट्रिक्स को ही काउंसलिंग में प्रभावी माना जाएगा। फिर उसमें कोई नई सीट नहीं जोड़ी जाएंगी।

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