उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की ऑनलाइन सेवाएं बहाल होने में सात दिन लगने की उम्मीद है। हालांकि रोडवेज ने वैकल्पिक व्यवस्था पर काम करना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि एक निजी कंपनी मेसर्स ओरियन प्रो को गत 21 अप्रैल को रोडवेज का काम दिया गया था लेकिन चार दिन बाद ही उसका डाटा हैक होने से ऑनलाइन टिकटिंग सेवा और इलेक्ट्रॉनिक टिकट मशीन (ईटीएम) काम नहीं कर रही हैं। बसों में मैनुअल टिकट बनाए जा रहे हैं, जिससे रोजाना दो से तीन करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका है।

रोडवेज अफसरों की प्राथमिकता है कि मेसर्स ओरियन प्रो का हैक डाटा वापस लाकर सेवाएं बहाल कराई जा सके। वहीं, सूत्र बताते हैं कि यह आसान नहीं है। ऐसे में रोडवेज अपना एप्लीकेशन तैयार कर रहा है। पहले चरण में इस पर चार हजार रूट फीड करके बसों का संचालन शुरू कराया जाएगा। हालांकि इसमें सात दिन तक लग सकते हैं।

बसों में मैनुअल बनने से परिचालक परेशान हैं। ऐसे में तमाम परिचालक बिना ईटीएम के ड्यूटी पर ही जाने को तैयार नहीं हो रहे हैं। अधिकारी उन्हें समझा-बुझाकर ड्यूटी पर भेज रहे हैं।

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि अगले सात से दस दिन में चरणवार समस्त 20 क्षेत्रों व 115 डिपो में पूर्व की भांति इलेक्ट्रानिक टिकटिंग प्रणाली पुनर्स्थापित हो सकेगी। कुल 82 प्रवर्तन दलों को अलर्ट मोड पर रख चेकिंग कराई जा रही हैं।

परिवहन निगम के वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि रोडवेज को होने वाली घाटे की भरपाई सेवा प्रदाता कंपनी से की जाएगी। ऑनलाइन सेवाओं के दौरान एक दिन की आय और मैनुअल टिकट से रोजाना जो आय होगी, उसमें जितना अंतर आएगा उस धनराशि की वसूली संबंधित मेसर्स ओरियन प्रो. से की जाएगी।

तथ्य
-11,388 इलेक्ट्रिक टिकटिंग मशीन बंद, मैनुअल बन रहे बस टिकट
-15 से 20 लाख यात्री रोजाना रोडवेज बसों से करते हैं सफर
-15 करोड़ की प्रतिदिन रोडवेज को टिकटों से होती है आमदनी

अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि फिर से ऑनलाइन सेवाओं को शुरू होने में कितना वक्त लगेगा। 

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की टिकट बुकिंग वेबसाइट को हैक करने से हड़कंप मच गया है। मंगलवार देर रात कुछ हैकर्स ने परिवहन निगम की इलेक्ट्रॉनिक बस टिकटिंग प्रणाली की वेबसाइट को हैक कर लिया, जिससे टिकटिंग सिस्टम ठप हो गया है। परिवहन निगम की बसों का संचालन मैनुअल टिकटिंग के जरिए कराया जा रहा है और बसों का संचालन प्रभावित ना हो, इसलिए क्षेत्रीय अधिकारियों से बस अड्डों तथा डिपो पर 24 घंटे निगरानी करने को कहा गया है। वेबसाइट का प्रबंधन करने वाली कंपनी मैसर्स ओरियन प्रो ने वेबसाइट से डेटा रिकवर करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम लगाई हुई है। ऑनलाइन टिकटिंग सेवाओं को बहाल करने के लिए कंपनी ने कुछ समय की मांग की है।

ई-बस टिकट हैकिंग के मामले में परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि निगम बसों के संचालन को मैनुवल टिकटिंग के माध्यम से कराते हुए समस्त क्षेत्रों में बसों का संचालन पूर्व की भांति मैनुवल टिकट माध्यम से करा दिया गया है। सेवा प्रदाता फर्म के उच्च प्रतिनिधियों तथा साइबर सिक्योरिटी एक्सपटर्स के साथ बैठक कर शीघ्र डाटा रिकवर करते हुए ऑनलाइन सेवाओं को पुर्नस्थापित किये जाने को कहा गया है। 07 से 10 दिवस में चरणवार समस्त 20 क्षेत्रों व 115 डिपोज में पूर्व की भांति इलेक्ट्रानिक टिकटिंग प्रणाली पुर्नस्थापित हो सकेगी। कुल 82 प्रवर्तन दलों को अलर्ट मोड पर रख अग्रेसिव चेकिंग कार्य कराया जा रहा है। सेवा प्रदाता फर्म द्वारा नवी मुम्बई स्थित अपने मुख्यालय पर इस हेतु एफआईआर कर दी गयी है। सेवा प्रदाता फर्म द्वारा उपलब्ध कराये गये समस्त अप्लीकेशन्स, तथा वेब पोर्टल्स का भी थर्ड पार्टी सिक्योरिटी आडिट नये सिरे से कराये जाने का निर्णय लिया गया है।

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