छठ पूजा का त्योहार दिवाली के बाद आता है जो की बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में खासतौर पर मनाया जाता है। ये महापर्व कार्तिक मास में पड़ता है। वहीं इस बार भी हर साल की तरह छठ पूजा के लिए लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। त्योहार की खास तैयारियां शुरू की जा चुकी हैं। वहीं मेरठ में भी छठ पूजा से जुड़ी तैयारियां सामने आ रही हैं। जहां भव्य नजारा गगोल तीर्थ पर भी देखने को मिल रहा है। जहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु नहाय खाय के साथ पूजा अर्चना करते हुए दिखाई देते हैं। जिसको लेकर गगोल तीर्थ पर विशेष तैयारी की जा रही है।
मेरठ के गगोल तीर्थ पर हर साल छठ पूजा पर भव्य नजारा देखने को मिलता है। यहां श्रद्धालु नहाय-खाय के साथ छठ मैया की पूजा अर्चना करते हैं।
गगोल तीर्थ के एक महंत ने बताया कि इस सरोवर का विशेष महत्व है, जो महर्षि विश्वामित्र के साथ यज्ञ के लिए स्थान बना था। यहां भगवान श्री राम ने राक्षसों का वध कर अपने चरणों से धरती को सुरक्षित किया था।
गगोल तीर्थ पर छठ महापर्व के आयोजन की तैयारी जोरों पर है। श्रद्धालु इस सुन्दर स्थल पर छठ का यह त्योहार मनाने को काफी उत्सुक हैं, जिससे सरोवर के चारों तरफ त्यौहार को धूमधाम से मनाने की तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं।
मेरठ के गगोल तीर्थ पर हर साल छठ पूजा पर भव्य नजारा देखने को मिलता है। यहां श्रद्धालु नहाय-खाय के साथ छठ मैया की पूजा अर्चना करते हैं।
गगोल तीर्थ के एक महंत ने बताया कि इस सरोवर का विशेष महत्व है, जो महर्षि विश्वामित्र के साथ यज्ञ के लिए स्थान बना था। यहां भगवान श्री राम ने राक्षसों का वध कर अपने चरणों से धरती को सुरक्षित किया था।
गगोल तीर्थ पर छठ महापर्व के आयोजन की तैयारी जोरों पर है। श्रद्धालु इस सुन्दर स्थल पर छठ का यह त्योहार मनाने को काफी उत्सुक हैं, जिससे सरोवर के चारों तरफ त्यौहार को धूमधाम से मनाने की तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं।