उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद शोक मनाया गया है। इसके चलते शिया समुदाय के 10,000 लोग सड़कों पर उतर आए। उन्होंने आधी रात 1 किलोमीटर तक कैंडल मार्च किया और नसरल्लाह की मौत पर शोक मनाया। शिया समुदाय के लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के पोस्टर जलाए और नारेबाजी की। उन्होंने अपने घरों में काले झंडे भी लगाए।

बता दें कि बीते शुक्रवार (27 सितंबर) को इजरायल के हवाई हमले हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत हो गई। उनकी हत्या के विरोध में सैकड़ों लोगों ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पुराने शहर इलाके में प्रदर्शन किया, कैंडल मार्च निकाले और इजराइल तथा अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी की। यह विरोध प्रदर्शन शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद के आह्वान पर किया गया। जव्वाद ने नसरुल्लाह की मौत पर रविवार से तीन दिवसीय शोक का आह्वान किया है। इसमें लोगों से विरोध के तौर पर अपने घरों में काले झंडे फहराने और दुकानें बंद करने को कहा गया है। साथ ही ज्यादा से ज्यादा जगहों पर विरोध प्रदर्शन और शोकसभाएं आयोजित करने की अपील भी की गयी है।

सआदतगंज के रुस्तम नगर स्थित दरगाह हजरत अब्बास में रविवार की रात नसरुल्लाह की ‘शहादत’ की याद में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें इजरायल और अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी की गयी। साथ ही केन्द्र सरकार से मांग की गयी कि जिन लोगों ने नसरुल्लाह की हत्या की है, उनके खिलाफ वह संयुक्त राष्ट्र के जरिये आवाज उठाये। इससे पहले, छोटे इमामबाड़ा से बड़े इमामबाड़ा तक ‘कैंडल मार्च’ निकाला गया।

लोगों ने हाथों में काले झंडे और मशाल भी लेकर इजरायल और अमेरिका के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। कई प्रदर्शनकारी नसरुल्लाह की तस्वीरें पकड़े हुए थे। अन्य अलग-अलग इलाकों से भी पदयात्राएं निकाली गयीं जो दरगाह हजरत अब्बास में जाकर सभा में तब्दील हो गयीं। सुल्तानपुर में भी शिया समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया। ‘हसन नसरुल्लाह जिंदाबाद’ और ‘आग लगा दो- अमेरिका को’ आग लगा दो’ जैसे नारे लगाए।

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