उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन के दृष्टिगत प्रदेश में स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा उत्पादन स्रोतों को प्रोत्साहित करने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन नीति लागू करने के निर्देश दिए हैं। ड्राफ्ट पॉलिसी का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पॉलिसी को अंतिम रूप देने से पूर्व इस क्षेत्र में काम करने वाले स्टेक होल्डर से भी परामर्श लिए जाएं, ताकि निवेशकों और उपयोगकर्ताओं को इसका ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने एक बैठक में मसौदा नीति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों से कहा कि ‘ग्रीन हाइड्रोजन’ नीति को अंतिम रूप देने से पहले इस क्षेत्र में काम करने वाले हितधारकों से परामर्श किया जाना चाहिए ताकि निवेशकों और उपयोगकर्ताओं को इसका ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके। उन्होंने कहा कि ‘ग्रीन हाइड्रोजन’ एक स्वच्छ ऊर्जा होने के कारण नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करती है और इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

‘ग्रीन हाइड्रोजन’ क्षेत्र में कार्य करने वाली कंपनियों को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने के भी निर्देश दिये गए। इकाइयां स्थापित करने वाली कंपनियों को भूमि की उपलब्धता, स्टांप शुल्क और बिजली शुल्क से छूट, पूंजी और ब्याज सब्सिडी, आकर्षक प्रोत्साहन जैसे लाभ दिये जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नीति को अंतिम रूप देने से पहले विभिन्न राज्यों की संबंधित नीतियों का अध्ययन करने का निर्देश दिया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित अधिकारियों को बहुमंजिला इमारतों में लगी लिफ्ट/ स्वचालित सीढ़ियों (एस्कलेटर) की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक कानून बनाने का निर्देश दिया। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि वर्तमान में तेजी से शहरीकरण और बहुमंजिला इमारतों के प्रसार के कारण लिफ्ट और एस्केलेटर का उपयोग बढ़ रहा है। भीड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित लिफ्ट और एस्केलेटर के बारे में उनके डिजाइन, स्थापना के साथ-साथ अनुचित संचालन और रखरखाव के बारे में अक्सर शिकायतें मिलती हैं।

 

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