एक महिला सिपाही की तैनाती गोंडा में और दूसरी गोरखपुर में तैनात है। दोनों महिला कॉन्स्टेबलों ने सर्जरी के जरिए जेंडर बदलने के लिए मुख्यालय से अनुमति मांगी है। पहली बार राज्य पुलिस अधिकारियों के सामने पहली बार जेंडर बदलने की अनुमति का आवेदन आया है।
अब सवाल उठता है कि पुलिस भर्ती में महिला और पुरुष की शारीरिक मापदंड अलग-अलग है। दोनों महिला सिपाही महिला के नियमों के अनुसार भर्ती हुई हैं। हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार एक अधिकारी ने बताया कि पुरुष-महिला के लिए भर्ती नियमों को सख्ती से पालन किया जाता है। नौकरी मिलने के बाद जेंडर बदलना नियमों की अवहेलना होगी। पुलिस मुख्यालय ने भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में यही जवाब दाखिल किया था। जब एक महिला कॉन्स्टेबल ने इसी साल जनवरी में जेंडर बदलने की अनुमति के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
हिन्दुस्‍तान टाइम्स के अनुसार यूपी पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अफसर ने बताया कि कोर्ट ने पुलिस हेड क्वार्टर से महिला कॉन्स्टेबल के अनुरोध पर और योग्यता के आधार पर पुनर्विचार करने और भविष्य में दोबारा ऐसा मामला आने पर एक मानदंड तैयार करने के लिए कहा।
हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार पुलिस अफसर ने पहले ही किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ यानी KGMU लेटर लिख चुका है। दोनों महिला कॉन्स्टेबल का मेडिकल कराने और अपनी राय देने के लिए कहा था। उन्होेंने बताया कि अंतिम फैसले पर पहुंचने से पहले मेडिकल और कानूनी राय मांग रहे हैं। इसके अलावा महिलाओं और जेंडर मुद्दों पर राय ले रहे हैं।

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