तमाम प्रयासों के बाद भी भाजपा बागियों को मैदान से बाहर नहीं कर पाई। नतीजा यह हुआ बहुत सी सीटों पर इन बागियों ने भाजपा को जीत की दौड़ से बाहर कर दिया। कई जगह इन बागियों को जीत तो नहीं मिली लेकिन उनके कारण भाजपा की हार जरूर हो गई।
हालांकि पार्टी ने विभिन्न जिलों में 500 से अधिक बागियों को बाहर का रास्ता भी दिखाया था। अधिकांश बागी नगर निगमों में पार्षद और नगर पंचायत अध्यक्ष जीते हैं। कुछ पालिका अध्यक्ष पद,सभासद पर जीतने में सफल रहे।
कानपुर में भाजपा के सात बागी पार्षद बन गए। नतीजा हुआ कि 110 वार्डों में भाजपा को 63 सीटों पर जीत से संतोष करना पड़ा। शिवराजपुर नगर पंचायत में बागी के चलते भाजपा दूसरे नंबर पर खिसक गई। फर्रुखाबाद में नवाबगंज, शमशाबाद और मोहम्मदाबाद नगर पंचायतों में बागियों ने खेल बिगाड़ा।