लखनऊ. यूपी की मुरादाबाद लोकसभा सीट से सपा सांसद डॉक्टर एसटी हसन ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है. सांसद डॉक्टर एसटी हसन ने कहा कि हमारा देश अनेकताओं में एकता का देश है. हमारा देश रंग-बिरंगे फूलों का गुलदस्ता है. जिस समय देश आजाद हुआ था. उस वक्त कानून और कहा गया था कि हर इंसान को अपने मजहब को फॉलो करने की इजाजत होगी. अपने धर्म को प्रोमोट करने की भी इजाजत होगी, ये संविधान में लिखा हुआ है. सपा सांसद ने कहा कि इस्लाम पहला मजहब है, जिसने 1400 साल पहले महिलाओं को उनकी पैतृक संपत्ति में अधिकार दिया था. वो अलग बात है कि लड़के को कितना और लड़की को कितना हिस्सा दिया गया, कुरान शरीफ में इसका हुक्म दिया गया है.
सांसद एसटी हसन ने कहा कि हम शरीयत के कानून अगर अपने ऊपर लागू कर रहे हैं तो किसी को तकलीफ क्यों है. इस्लाम वो पहला धर्म है, जिसमें महिलाओं को उनकी पैतृक संपत्ति पर अधिकार दिया था. उन्होंने दूसरी शादी नहीं कर सकते वाली बात पर कहा कि, अगर किसी की पत्नी बीमार है या किसी के बच्चे पैदा नहीं होते तो पत्नी की इजाजत से दूसरी शादी करने में क्या तकलीफ है. हमारे पर्सनल लॉ हैं, अगर इनको खत्म करेंगे तो इसका जबरदस्त विरोध करेंगे.
सपा सांसद ने कहा कि यह हमारे पर्सनल लॉ हैं. अगर इसे खत्म करेंगे तो इसका जबरदस्त विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि यह यूनिफॉर्म सिविल कोड नहीं, यह यूसीसी नहीं, यह 2024 की तैयारी है. कैसे देश में हिंदू-मुसलमान के बीच दरारें पैदा करें, इसकी होड़ मची हुई है. कौन कितना मुसलमानों को टॉर्चर कर लेगा, उसी हिसाब से बीजेपी में वो उतना ही बड़ा नेता बनता है.