2025 से शुरू होने वाले स्कूल एडमिशन के लिए सरकार ने प्राइवेट स्कूलों पर सख्त दिशा-निर्देश लागू कर दिए हैं, जिससे अब अभिभावकों को स्कूलों की मनमानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे यूनिफॉर्म, किताबों और अन्य शुल्कों में अनावश्यक बदलाव नहीं करेंगे और अभिभावकों पर कोई अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं डालेंगे। इस कदम से उम्मीद की जा रही है कि शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता आएगी और छात्रों व उनके परिवारों को राहत मिलेगी। यह कदम हरियाणा सरकार ने उठाया है।

 प्राइवेट स्कूलों के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश

हरियाणा सरकार ने छह प्रमुख दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिन्हें सभी प्राइवेट स्कूलों को पालन करना अनिवार्य होगा:

  1. यूनिफॉर्म में बदलाव पर रोक – अब स्कूल हर साल ड्रेस बदलने का आदेश नहीं दे सकेंगे, जिससे अभिभावकों पर अनावश्यक खर्च का दबाव नहीं पड़ेगा।
  2. केवल NCERT या CBSE किताबें – स्कूलों को प्राइवेट पब्लिशर की महंगी किताबों का दबाव नहीं डालने के निर्देश दिए गए हैं। केवल मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों की किताबों का उपयोग किया जाएगा।
  3. दबाव से मुक्त खरीददारी – स्कूलों को अभिभावकों को किसी विशेष विक्रेता से किताबें या ड्रेस खरीदने के लिए मजबूर करने से रोका गया है।
  4. पुरानी किताबों का प्रोत्साहन – छात्रों को पुरानी किताबें इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जो पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है।
  5. पानी की शुद्ध व्यवस्था – अब स्कूलों को छात्रों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करनी होगी, ताकि बच्चों को अपनी बोतल लाने के लिए मजबूर न किया जाए।
  6. स्कूल बैग का वजन सीमित किया जाएगा – सरकार ने छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बैग के वजन को उनके उम्र और कक्षा के अनुसार सीमित किया है।

महंगी किताबों और ड्रेस पर लगाई रोक

प्राइवेट स्कूलों के द्वारा किताबों और ड्रेस में बार-बार बदलाव से अभिभावकों पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम करने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। सरकार का कहना है कि स्कूल केवल सरकारी मान्यता प्राप्त किताबें ही पढ़ाने के लिए बाध्य होंगे, जिससे अतिरिक्त खर्चों पर नियंत्रण पाया जा सके।

सरकार ने स्कूलों को पानी की व्यवस्था के लिए भी सख्त निर्देश दिए हैं। कई स्कूल बच्चों को अपनी बोतल लाने के लिए मजबूर करते थे, लेकिन अब उन्हें स्कूल परिसर में स्वच्छ और शुद्ध पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।

सरप्राइज चेकिंग और शिकायत समाधान प्रक्रिया

अब हरियाणा के जिला शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों की अचानक जांच (surprise inspection) करने का अधिकार दिया गया है। यदि कोई स्कूल नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, सरकार ने सभी अधिकारियों के ई-मेल और मोबाइल नंबर जारी किए हैं, ताकि अभिभावक सीधे शिकायत कर सकें।

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