यूट्यूबर्स ध्रुव राठी और गौरव तनेजा एक बार फिर से एक दूसरे के आमने-सामने हैं। इस बार वजह है यूपी सरकार द्वारा जारी की गई नई सोशल मीडिया पॉलिसी। इस नीति के तहत, ऐसे लोग जिनके फॉलोवर्स सोशल मीडिया पर अच्छी संख्या में हैं, वो 8 लाख रुपए प्रतिमाह कमा सकते हैं।
ध्रुव राठी ने इस पॉलिसी की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “उत्तर प्रदेश सरकार कह रही है कि वह सरकार को बढ़ावा देने के लिए प्रभावशाली लोगों को ₹8 लाख तक का भुगतान करेगी। करदाता के पैसे से ऐसा करने वाले किसी भी प्रभावशाली व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा होना चाहिए।”
इस पर आईआईटियन और पूर्व पायलट गौरव तनेजा ने जवाब देते हुए लिखा है, “क्या उन सभी अखबारों और टीवी चैनलों को भी शर्म आनी चाहिए, जो सत्ता में किसी भी सरकार को बढ़ावा देने के लिए भुगतान किए गए विज्ञापन दिखाते हैं?”
यूट्यूबर्स ध्रुव राठी और गौरव तनेजा के पोस्ट पर कई तरह के कमेंट सामने आ रहे हैं। इसी में, एक यूजर ने लिखा, “यदि कोई पार्टी अपनी पार्टी और अपने प्रचार को बढ़ावा देना चाहती है तो वह चुनावी बांड के पैसे से भुगतान कर सकती है, लेकिन वे सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के नाम पर कड़ी मेहनत करने वाले करदाताओं के पैसे का उपयोग सोशल मीडिया पर प्रभाव डालने वालों के लिए करना चाहते हैं। हम इसके खिलाफ हैं।”
वहीं, दूसरे यूजर ने लिखा, “अखबारों और टीवी चैनलों में भुगतान किए गए विज्ञापनों को प्रभावशाली लोगों के वेतन के लिए सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के साथ जोड़ना गलत है। मीडिया आउटलेट्स की पारदर्शिता बनाए रखने की ज़िम्मेदारी है, और भुगतान किए गए विज्ञापनों को इसी तरह लेबल किया जाता है। असली मुद्दा गुप्त तरीकों से जनता की राय में हेरफेर करने के लिए करदाताओं के पैसे का उपयोग करना है। जवाबदेही और नैतिक मानक पूरे बोर्ड में लागू होने चाहिए, लेकिन हमें अपारदर्शी प्रथाओं के माध्यम से सार्वजनिक विश्वास को कम करने के साथ कानूनी विज्ञापन को भ्रमित नहीं करना चाहिए।”
तीसरे ने कहा, “अजीब बात है कि आप विज्ञापनों और व्यक्तियों द्वारा प्रचार के बीच अंतर नहीं जानते।” आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि ध्रुव राठी और गौरव तनेजा के बीच सोशल मीडिया पर जुबानी जंग छिड़ी हो। जून 2024 में दोनों ‘भारत बनाम इंडिया’ की बहस पर भी भिड़ गए थे।
नई नीति सरकार की योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए व्यक्तियों/फर्मों को सूचीबद्ध करने और उन्हें विज्ञापन देने के संबंध में है। नीति के तहत निदेशक सूचना को किसी भी राष्ट्र विरोधी, असामाजिक, अपमानजनक पोस्ट के खिलाफ कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया है। इसमें प्रासंगिक कानून के तहत एफआईआर दर्ज करने उस पोस्ट को हटाने तथा पैनल को रद्द करने, विज्ञापन बंद करने से लेकर किसी भी तरह की कार्रवाई हो सकती है।