भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि वह समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद का मुकाबला करने को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक हितों के लिए महत्वपूर्ण मानता है। भारत ने कहा कि उसने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नए खतरों और भू-राजनीतिक बदलाव के जवाब में अपनी रणनीति विकसित करना जारी रखा है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने मंगलवार को कहा, ‘‘लंबी तटरेखा, समुद्री यात्रा करने वालों की अत्यधिक संख्या और सक्षम समुद्री बलों वाला भारत अपने हितों की रक्षा करने तथा उभरते खतरों से निपटने के लिए एक जिम्मेदार समुद्री शक्ति के रूप में अपनी भूमिका को सक्रिय रूप से निभा रहा है।’’

उन्होंने मई महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के अध्यक्ष यूनान के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस की अध्यक्षता में ‘अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को बनाए रखना: वैश्विक स्थिरता के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना’ विषय पर आयोजित यूएनएससी की उच्च स्तरीय खुली बहस को संबोधित किया।

https://googleads.g.doubleclick.net/pagead/ads?gdpr=0&client=ca-pub-5578095946269301&output=html&h=280&adk=2451531360&adf=122023792&pi=t.aa~a.101680809~i.8~rp.1&w=740&abgtt=9&fwrn=4&fwrnh=100&lmt=1747804079&num_ads=1&rafmt=1&armr=3&sem=mc&pwprc=2425137905&ad_type=text_image&format=740×280&url=http%3A%2F%2Fwww.samaylive.com%2Fregional-news-in-hindi%2Fother-states-news-in-hindi%2F528075%2Findia-described-the-anti-terrorism-strategy-for-national-security-as-important-for-national-security.html&fwr=0&pra=3&rh=185&rw=740&rpe=1&resp_fmts=3&wgl=1&fa=27&dt=1747804078393&bpp=1&bdt=1038&idt=-M&shv=r20250519&mjsv=m202505130101&ptt=9&saldr=aa&abxe=1&cookie=ID%3D65c450c4150eced4%3AT%3D1722743134%3ART%3D1747804077%3AS%3DALNI_MZvMyDe68jI2dXM4Zg3sCRbey7W-A&gpic=UID%3D00000eb2ada88e2c%3AT%3D1722743134%3ART%3D1747804077%3AS%3DALNI_MbHZepy7KGuw9AI9hVY28vetWx9mg&eo_id_str=ID%3Ddcc26d6075ccd185%3AT%3D1738295993%3ART%3D1747804077%3AS%3DAA-AfjalBYS5BWzTHK8TaOQeEviG&prev_fmts=0x0%2C1519x739%2C120x600%2C980x120&prev_slotnames=0245077209&nras=5&correlator=3484576651203&frm=20&pv=1&u_tz=330&u_his=7&u_h=864&u_w=1536&u_ah=824&u_aw=1536&u_cd=24&u_sd=1.25&adx=175&ady=738&biw=1519&bih=739&scr_x=0&scr_y=0&eid=31092193%2C95353386%2C95360609%2C95360813%2C42533294%2C95352052%2C95360954%2C95360684&oid=2&pvsid=2197749270355353&tmod=2076255863&uas=0&nvt=1&ref=http%3A%2F%2Fwww.samaylive.com%2F&fc=384&brdim=-7%2C-7%2C-7%2C-7%2C1536%2C0%2C1550%2C838%2C1536%2C739&vis=1&rsz=%7C%7Cs%7C&abl=NS&fu=128&bc=23&bz=1.01&ifi=6&uci=a!6&fsb=1&dtd=1382

हरीश ने कहा, ‘‘भारत समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद का मुकाबला करने को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक हितों के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानता है। इसका दृष्टिकोण मजबूत रक्षा क्षमताओं, क्षेत्रीय कूटनीति, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और घरेलू बुनियादी ढांचे के विकास को संतुलित करता है। भारत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नए खतरों और भू-राजनीतिक बदलाव के जवाब में अपनी रणनीति विकसित करना जारी रखा है।’’

भारत ने रेखांकित किया कि समुद्री सुरक्षा आर्थिक विकास की आधारशिला है क्योंकि महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग, ऊर्जा आपूर्ति और भू-राजनीतिक हित महासागरों से जुड़े हुए हैं।

हरीश ने कहा कि भारत समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) के सिद्धांतों के अनुसार एक स्वतंत्र, खुली और नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने उच्च स्तरीय चर्चा को संबोधित करते हुए कहा कि चर्चा इस बात पर जोर देती है कि समुद्री सुरक्षा को बनाए रखने की बुनियादी शर्त यही है कि सभी देश संयुक्त राष्ट्र चार्टर और यूएनसीएलओएस में दर्शाए गए अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करें।

गुतारेस ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा परिषद ने समुद्री सुरक्षा और वैश्विक शांति को कमजोर करने वाले कई खतरों से निपटने की कोशिश की है, जिसमें समुद्री डकैती, हथियारबंद डकैती, तस्करी और संगठित अपराध से लेकर नौवहन, अपतटीय प्रतिष्ठानों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के खिलाफ विनाशकारी कृत्य तथा समुद्री क्षेत्र में आतंकवाद शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि ये अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, वैश्विक व्यापार और आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण खतरे हैं।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights