दिल्ली अध्यादेश पर बहस के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद रहें। उनकी ढलती उम्र और खराब स्वास्थ्य के बाद भी वह वोटिंग तक व्हील चेयर पर बैठे रहें। पूर्व PM को इस तरह से संसद में लाने और बिल के खिलाफ वोटिंग तक रोके जाने पर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। इसके साथ ही भाजपा ने कांग्रेस पर पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान करने का भी आरोप लगाया।
भाजपा के ट्वीट पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता ने 2007 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक तस्वीर शेयर की। इस दौरान उन्होंने लिखा, “यह तस्वीर 2007 के राष्ट्रपति चुनाव की है। इस चुनाव में श्रीमती प्रतिभा पाटिल को 638,116 मत मिले और श्री भैरों सिंह शेखावत को 331,306 मत मिले। वोट डालते वक्त अटल जी को व्हीलचेयर छोड़ कर तकलीफ़ झेलते हुए अंदर जाना पड़ा। भाजपा को मालूम था की भैरों सिंह जी बुरी तरह से चुनाव हारेंगे लेकिन फिर भी अटल जी को लाया गया। क्या इसे भी सामंती सनक कहोगे?”
विपक्ष के समर्थन में वोट करने के लिए पहुंचे इन दोनों नेताओं का आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने धन्यवाद दिया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि बीजेपी द्वारा लाए गए इस गैर कानूनी और काले कानून के खिलाफ संसद के अंदर और बाहर बहुत सारी पार्टियों ने, बहुत सारे नेताओं ने दिल्ली के लोगों का साथ दिया, इस समर्थन और साथ के लिए उन सभी नेताओं और सभी पार्टियों को दिल्ली के 2 करोड़ लोगों की तरफ से मैं तहे दिल से धन्यवाद करता हूं।
विशेषकर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी एवं JMM अध्यक्ष श्री शिबू सोरेन जी स्वास्थ्य के नजरिए से विपरीत परिस्थितियों में भी संसद में आए, दोनों वरिष्ठ नेताओं का सभी दिल्लीवासियों की तरफ से बहुत-बहुत आभार।
कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने भी मनमोहन सिंह की जमकर तारीफ की है। उन्होंने लिखा कि ‘राज्यसभा में मनमोहन सिंह काले अध्यादेश के खिलाफ हमारे लिए मशाल बनकर बैठे रहे। लोकतंत्र और संविधान के लिए उनका समर्पण हमारे लिए प्रेरणा की बात है। हम उनका बहुत सम्मान करते हैं।’
आखिरकार राज्यसभा में 7 घंटे तक चली लंबी बहस और विरोध के बाद दिल्ली अध्यादेश सोमवार को पास हो गया। वोटिंग के बाद जब नतीजे आए तो सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष भी हैरान रह गया। दरअसल जब वोटिंग के नतीजे आए तो बिल के समर्थन में सरकार को उम्मीद से ज्यादा वोट मिले। वहीं बिल के विरोध में उम्मीद से भी कम वोट पड़ें। राज्यसभा से बिल पास होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे जनतंत्र के खिलाफ काला कानून बताया।