गाजियाबाद में महंत नरसिंहानंद की टिप्पणी को लेकर उपजे विवाद के बाद विधायक नंद किशोर गुर्जर समेत डासना मंदिर समिति ने महापंचायत का आयोजन किया था। पुलिस ने इजाजत नहीं दी बावजूद इसके लोग जुटने लगे। लोगों का आरोप है कि आम जनों पर प्रशासन पाबंदी लगा रहा है। पुलिस की परमिशन न मिलने पर विधायक नंदकिशोर भी हाईवे पर धरने पर बैठ गए।
दरअसल, विधायक नंद किशोर गुर्जर महापंचायत में शामिल होने पहुंचे, तो आसपास मौजूद लोग उनसे शिकायत करते दिखे। लोगों ने उनसे कहा कि आप तो विधायक हैं, तो इसलिए आपको पुलिस कुछ नहीं कह रही, लेकिन आम लोगों को जाने नहीं दिया जा रहा है। हमने कई बार पुलिस को कहा कि हम किसी भी प्रकार से शांति-व्यवस्था में खलल पैदा नहीं करेंगे। इसके बावजूद भी पुलिस हमें अंदर नहीं जाने दे रही है।
विधायक ने कहा, “अब हमें मंदिर में पूजा भी नहीं करने देंगे। आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि पुलिस अब आम लोगों को पूजा नहीं करने दे रही है। कहां है पुलिस। हम पुलिस से बात करना चाहते हैं। एक बार महापंचायत कर लेते हैं। मंदिर में हमला हुआ है। यह पूरे सनातन पर हमला है और हम इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं। भीड़ को उकसाया जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि उकसाने वालों में से अभी तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। महापंचायत को रोकने का कोई औचित्य नहीं है। महापंचायत करने का अधिकार सभी को है। सभी को अपनी बात रखने का हक है। सभी खुलकर अपनी बात रख सकते हैं। मुझे लगता है कि इससे किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।”
डीसीपी ग्रामीण गाजियाबाद सुरेंद्र नाथ तिवारी ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि गाजियाबाद में धारा 163 लागू की गई है। इसके तहत एक स्थान पर 5 से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति इसका उल्लंघन कर पंचायत में पहुंचता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, विधायक अब धरने पर से उठ कर जा चुके हैं।