मोदी सरनेम केस में फंसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पटना हाईकोर्ट से राहत मिली। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी की याचिका पर एमपी एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी को 25 अप्रैल को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया था। इस मामले में राहुल गांधी ने रोक लगाने के लिए एक याचिका पटना हाईकोर्ट में दाखिल की। जिस पर पटना हाईकोर्ट ने 15 मई तक रोक लगा दी। पटना हाईकोर्ट के जस्टिस संदीप कुमार की बेंच ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई की थी। अब राहुल गांधी को एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर नहीं होना पड़ेगा। अगली सुनवाई 15 मई को पटना हाईकोर्ट में ही होगी।

एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी को 25 अप्रैल को कोर्ट में सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया है। राहुल गांधी के वकील ने इस मामले में त्वरित सुनवाई की मांग की है। वकील ने कहाकि, सूरत कोर्ट ने इसी मामले में सजा सुनाई है। तो अब MP-MLA कोर्ट में शरीर उपस्थिति होने का क्या मतलब है? इसलिए मामले को रद्द किया जाए।

लोकसभा चुनाव में प्रचार के वक्त तमिलनाडु के कोलार में भाषण देते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि, सारे मोदी चोर हैं। राहुल गांधी के इस विवादित बयान पर कई जगह मामले दर्ज किए गए। बिहार के भाजपा नेता और वर्तमान सांसद सुशील मोदी ने वर्ष 2019 में पटना कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में राहुल गांधी ने 2019 में कोर्ट में पेश होकर बेल ली।
मामले ने दोबारा तेजी पकड़ी तो 12 अप्रैल 2023 को पटना के एमपी एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी को कोर्ट में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराने को कहा गया। पर राहुल गांधी नहीं आए। उनकी जगह उनके वकील पहुंचे। तब वकील की मांग के अनुसार कोर्ट ने नई तारीख 25 अप्रैल दी।
सुशील कुमार मोदी ने राहुल गांधी के मोदी सरनेम वाले बयान पर कहा था कि, राहुल गांधी ने पिछड़े समाज के लोगों पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर उन्हें अपमानित किया है।

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