मोदी सरकार अपनी सरकार और मौजूदा लोकसभा के अंतिम सत्र में जाते-जाते एक बार फिर पूर्ववर्ती कांग्रेसनीत यूपीए सरकार के कथित आर्थिक कुप्रबंधन को उजागर करेगी। इसके लिए मनमोहन सरकार के 10 साल के कार्यकाल की आर्थिक स्थिति के बारे में संसद में श्वेत पत्र लाया जाएगा। श्वेत पत्र की तैयारी के लिए संसद का सत्र एक दिन बढ़ाया गया है। अब संसद सत्र शुक्रवार के बजाय शनिवार तक चलेगा। श्वेत पत्र के जरिये मोदी सरकार बताएगी कि किस तरह से मनमोहन सरकार के 10 साल में खराब आर्थिक नीतियों और गलत फैसलों से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई।
वहीं, अब यूपीए सरकार के 10 साल के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा लाए जाने वाले ‘श्वेत पत्र’ के जवाब में कांग्रेस मोदी सरकार के 10 साल पर ‘ब्लैक पेपर’ लाई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस ‘ब्लैक पेपर’ को पेश किया। ससंद भवन के परिसर में पोस्टर लांच करते हुए मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल को ’10 साल अन्याय काल’ बताया है।
वहीं, जब हम सरकार की असफलताओं के बारे में बोलते हैं, तब उसे महत्व नहीं दिया जाता है।
बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने पंडित नेहरू को आरक्षण विरोधी बताते हुए कांग्रेस को पिछड़ों का विरोधी बताया। इसके साथ ही उन्होंने ममता बनर्जी की बात पर चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस को बंगाल से 40 पार न करने की चुनौती आई है। मैं प्रार्थना करता हूं कि आप 40 बचा पाएं। वहीं, केंद्र सरकार के श्वेत पत्र के खिलाफ कांग्रेस ब्लैक पेपर लाने की तैयारी कर रही है।
मोदी सरकार इस ‘श्वेत पत्र’ के जरिए अपने और यूपीए सरकार के दौरान देश की आर्थिक स्थिति का तुलनात्मक अध्ययन पेश कर सकती है। श्वेत पत्र में आर्थिक कुप्रबंधन के अलावा यूपीए सरकार के दौरान उठाए जा सकने वाले सकारात्मक कदमों के असर के बारे में भी बात की जाएगी। साथ ही पत्र में भारत की आर्थिक दुर्गति और अर्थव्यवस्था पर पड़े नकारात्मक प्रभावों को भी विस्तार से रखा जाएगा। ये श्वेत पत्र सदन में 9 फरवरी या फिर 10 फरवरी को पेश किया जा सकता है।