एक तरफ देश में पहलगाम हमले को लेकर आक्रोश फैला हुआ है। पूरा देश आतंकियों का सिर कमल होते देखना चाहता हैं। ऐसे में दूसरी तरफ सरकार ने पाकिस्तान से हर तरह की बातचीत को खत्म कर दिया है और शिमता समझोते सहित कई समझौते को रद्द कर दिया है। दोनों देशों के बीच काफी ज्यादा टेंशन हो रही हैं। माहौल ऐसा बना हुआ है कि कभी भी तनाव और ज्यादा बढ़ सकता है। इस तरह के महौल के बीच पंजाब के बॉर्डर पर एक दुर्घटना घट जाती है। भारतीय सुरक्षा बल का जवान गलती से सीमा पार जाता है और उसे पाकिस्तानी रेंजर्स पकड़ लेते हैं।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पूर्णम साहू के पाकिस्तान रेंजर्स की हिरासत में होने की खबर आने के बाद से उनके (साहू के) पश्चिम बंगाल के रिसड़ा की संकरी गलियों में स्थित घर पर एक अजीब सी शांति पसरी है। परिवार के लोगों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं और वे ईश्वर से अपने बेटे के लौटने की दुआ कर रहे हैं। व्याकुल परिवार को बस यही आस है कि उनके घर का चिराग वापस आ जाए।
जवान के पिता भोलानाथ साहू ने कहा, ‘‘मेरा बेटा देश की सेवा कर रहा था और अब हमें यह भी नहीं पता कि वह सुरक्षित है या नहीं। हमने सुना है कि वह पाकिस्तान की हिरासत में है।’’ पड़ोसी साहू के पास आकर उन्हें सांत्वना देते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बस यह जानना चाहता हूं कि मेरा बेटा कहां है। क्या वह सुरक्षित है? क्या वह ठीक है?’’ पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में बीएसएफ की 182वीं बटालियन में तैनात पूर्णम साहू वर्दी में थे और उनके पास उनका सर्विस राइफल भी था।
बुधवार को वह कथित तौर पर अनजाने में सीमा पार कर गए थे। बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार, घटना उस वक्त हुई जब साहू सीमा के पास किसानों के एक समूह की रक्षा के लिए उनके साथ थे। वह एक पेड़ के नीचे आराम करने के लिए चले गए और अनजाने में पाकिस्तानी क्षेत्र में प्रवेश कर गए। उन्हें तुरंत पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार रात को पुष्टि की कि साहू की रिहाई को लेकर बातचीत करने के लिए भारतीय और पाकिस्तानी सीमा बलों ने ‘फ्लैग मीटिंग’ की, लेकिन परिवार को इस बारे में कोई और जानकारी नहीं मिली।
भोलानाथ ने थरथराती आवाज में कहा, ‘‘मेरा बेटा तीन हफ्ते पहले ही छुट्टी से लौटा था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब वह फिर से चला गया है और हमें नहीं पता कि आगे क्या होगा, वह कब घर वापस आएगा।’’ अपने दो कमरों वाले संकरे घर में पूर्णम की पत्नी रजनी खबर मिलने के बाद से मुश्किल से ही बात कर पा रही हैं। उन्होंने दबे स्वर में कहा, ‘‘उन्होंने मुझे मंगलवार रात को फोन किया था।’’ रजनी ने कहा, ‘‘वह आखिरी बार था जब मैंने उनकी आवाज सुनी थी।’’
दंपति के सात वर्षीय बेटे को घर के भीतर ही रखा जा रहा है, उसे स्थिति की गंभीरता के बारे में पता नहीं है। रजनी ने रोते हुए पूछा, ‘‘मैं उस बच्चे को ये कैसे समझाऊं?’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह लगातार पूछता रहता है कि उसके पिता कब वापस आएंगे।’’ परिवार को इस घटना के बारे में अधिकारियों से नहीं, बल्कि पूर्णम के एक सहकर्मी से पता चला। रजनी ने कहा, ‘‘बुधवार रात आठ बजे उनके एक दोस्त ने फोन किया और जो भी हुआ उसके बारे में हमें बताया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तब से, हम सो नहीं पाए हैं। हम बस उन्हें वापस चाहते हैं।’’
भोलानाथ ने उस दिन अपने बेटे को फोन करने की कोशिश को याद किया। उन्होंने कहा, ‘‘फोन करने पर कोई जवाब नहीं मिला। मुझे लगा कि शायद वह व्यस्त होगा। लेकिन बाद में उसके दोस्त ने हमें बताया कि वह अच्छा महसूस नहीं कर रहा था और एक पेड़ के नीचे आराम कर रहा था। तभी उन्होंने (पाकिस्तान रेंजर्स) उसे पकड़ लिया।’’ यह घटना ऐसे समय में हुई जब पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव पहले से ही बढ़ा हुआ है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
साहू को पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा पकड़ने की घटना पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के ठीक एक दिन बाद हुई है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की आकस्मिक सीमा पार करने की घटना असामान्य नहीं है और आमतौर पर कूटनीतिक माध्यमों से इन्हें हल कर लिया जाता है। हालांकि, परिवार अनहोनी की आशंका को लेकर डरा हुआ है। रजनी ने कहा, ‘‘हमारी सरकार से बस एक ही विनती है। उन्हें घर ले आइए। चाहे जो भी करना पड़े – बस उन्हें घर ले आइए।