जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद से मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में कोहराम मचा हुआ है। एक के बाद एक कई बड़े एक्टर अब सामने आ रहे हैं और खुलकर अपने साथ हुए शोषण को लोगों के सामने रख रहे हैं। जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में एक्टर्स के साथ हुए यौन शोषण को लेकर विस्तृत रिपोर्ट पेश की गई है। जिसमे कई बड़े अभिनेता, फिल्म निर्माताओं के नाम सामने आ रहे हैं।

इस बीच केरल पुलिस ने फिल्म निर्देशक रंजीत के खिलाफ यौन दुराचार का दूसरा मामला दर्ज किया है। यह मामला एक पुरुष अभिनेता की शिकायत के बाद दर्ज किया गया है, जिसने आरोप लगाया था कि रंजीत ने उसे 2012 में बेंगलुरु के एक होटल में बुलाया, कपड़े उतारने को कहा और नग्न तस्वीरें लीं। यही नहीं रंजीत ने कथित तौर पर इन तस्वीरों एक मलयालम अभिनेत्री को भेजी थी।

गौर करने वाली बात है कि असोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट के अध्यक्ष थे, उन्होंने अपने सदस्यों के खिलाफ इसी तरह के आरोपों के कारण एएमएमए के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। मोहनलाल ने कहा कि पूरी फिल्म इंडस्ट्री को इसका जवाबदेह होना चाहिए।

मोहनलाल ने स्पष्ट किया कि वह उद्योग के भीतर किसी भी शक्तिशाली समूह का हिस्सा नहीं हैं और ऐसे समूहों के अस्तित्व के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं मलयालम सिनेमा में किसी भी शक्तिशाली समूह का हिस्सा नहीं हूं और ऐसे किसी समूह के अस्तित्व के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। मैंने इसके बारे में पहली बार सुना है।”

इसके साथ ही मोहनलाल ने राज्य से बाहर निजी और व्यावसायिक प्रतिबद्धताओं के कारण मीडिया को संबोधित करने में असमर्थ होने पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने इन बाधाओं के बावजूद अपनी जिम्मेदारियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

उन्होंने कहा कि सभी मुद्दों के लिए सिर्फ़ एक संगठन को दोषी ठहराना अनुचित है क्योंकि मलयालम सिनेमा में हज़ारों लोग एक साथ काम करते हैं। इन सभी मुद्दों के लिए सिर्फ़ एक संगठन को दोषी ठहराना सही नहीं है।

वहीं सत्तारूढ़ सीपीआई(एम) पार्टी अपने विधायक एम मुकेश का बचाव कर रही है, जिनपर बलात्कार के आरोप लगे हैं। उनके इस्तीफे की मांग के बावजूद, सीपीआई(एम) के राज्य सचिव एमवी गोविंदन ने तर्क दिया कि मुकेश को नैतिक आधार पर इस्तीफा नहीं देना चाहिए। गोविंदन ने सवाल उठाया कि अगर मुकेश निर्दोष साबित होते हैं तो क्या उन्हें बहाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुकेश अब फिल्म निर्माण नीति समिति का हिस्सा नहीं होंगे।

इससे पहले शुक्रवार की रात को रंजीत के खिलाफ आईपीसी की धारा 377 (अप्राकृतिक अपराध) और आईटी एक्ट की धारा 66 ई (गोपनीयता के उल्लंघन के लिए दंड) के तहत एफआईआर दर्ज की गई। इससे कुछ दिन पहले एक बंगाली अभिनेत्री ने भी उनके खिलाफ दुर्व्यवहार की शिकायत दर्ज कराई थी।

केरल फिल्म कर्मचारी संघ (FEFKA) ने कहा है कि वह आरोपी सदस्यों को नहीं बचाएगा। FEFKA के महासचिव बी उन्नीकृष्णन ने कहा कि अगर उन्हें किसी शिकायत के बारे में पता चलता है तो वे पुलिस को प्रासंगिक जानकारी देंगे।

उन्होंने कहा, “अगर हमारे किसी सदस्य के खिलाफ़ सिर्फ़ एफ़आईआर दर्ज की जाती है तो हम तुरंत कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। लेकिन अगर पुलिस बाद में कोई रिपोर्ट दर्ज करती है, अदालत उस व्यक्ति के खिलाफ कोई उल्लेख करती है या उसे गिरफ्तार किया जाता है तो उस व्यक्ति को निलंबित कर दिया जाएगा।”

दिग्गज अभिनेत्री राधिका सरथकुमार ने खुलासा किया कि सेट पर कैरेबाइन के अंदर छिपे कैमरों का उपयोग करके महिला अभिनेत्रियों के आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड किए गए थे। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने पुरुष अभिनेताओं को अपने मोबाइल फोन पर ये वीडियो देखते हुए देखा है। उन्होंने कहा, “मैंने यह देखा है। मैंने कैरेबाइन में महिलाओं के कपड़े बदलते हुए वीडियो देखे हैं।”

फिल्म इंडस्ट्री में मी-टू का मुद्दा पूरे केरल में चर्चा का विषय बना हुआ है। विपक्षी दलों – कांग्रेस और भाजपा और उनकी युवा और महिला शाखाओं ने बलात्कार के आरोपों पर मुकेश के इस्तीफे की मांग करते हुए पूरे केरल में विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights