दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ के बीच चलने वाली रैपिडएक्स के लिए बन रहे कॉरिडोर का काम तेजी से चल रहा है। मेरठ में कॉरिडोर के लिए अंडरग्राउंड टनल बनाई जा रही हैं। इसमें छठवीं और आखिरी सुरंग का ब्रेकथ्रू जल्द होगा। वहीं अंडरग्राउंड बन रही सुरंगों का काम भी लास्ट फेज में चल रहा है। 2025 तक दिल्ली से मेरठ तक रैपिडएक्स का संचालन शुरू हो जाएगा। इसको लेकर NCRTC रफ्तार से काम करा रहा है।
मेरठ में अंडरग्राउंड कॉरिडोर भी बनाया जा रहा है। इसके लिए छठी और आखिरी टनल जो भैंसाली से बेगमपुल तक बनाई जा रही है, का ब्रेकथ्रू बस अब कुछ ही दिनों में हो जाएगा। मेरठ में सम्पूर्ण अंडरग्राउंड सेक्शन की लंबाई लगभग 5.5 किमी है और इसमें से 100 से भी कम का हिस्सा टनल निर्माण के लिए बाकी है। इस आखिरी टनल की लंबाई लगभग एक किमी है । यह टनल, सुदर्शन 8.2 (टनल बोरिंग मशीन) द्वारा बनाई जा रही है और इसके निर्मित होते ही मेरठ में अंडरग्राउंड सेक्शन में टनलिंग का काम पूरा होगा। भैंसाली से बेगमपुल तक बन रही इस टनल का ब्रेकथ्रू बेगमपुल रिट्रीविंग शाफ्ट में किया जाएगा।भैंसाली से मेरठ सेंट्रल के बीच मेरठ की पहली टनल बनाने के लिए टीबीएम 8.1 को भैंसाली लॉन्चिंग शाफ्ट से अप्रैल 2022 में लॉन्च किया गया था। तब से लेकर अब तक 15 महीनों के भीतर मेरठ में सभी 5 टनल बन चुकी है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस एवं मेरठ मेट्रो कॉरिडोर पर मेरठ में, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल तीन भूमिगत स्टेशन हैं। इन स्टेशनों को आपस में जोड़ने के लिए तीन भागों में दो समानांतर टनल का निर्माण किया जा रहा है, यानी कुल छह टनल निर्मित की जा रही है।
मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल भूमिगत स्टेशनों में से मेरठ सेंट्रल और भैंसाली, मेरठ के मेट्रो स्टेशन हैं, जबकि बेगमपुल आरआरटीएस स्टेशन है, जहां मेट्रो और आरआरटीएस दोनों सेवाएं मिलेंगी। एनसीआरटीसी मेरठ में आरआरटीएस नेटवर्क पर ही स्थानीय पारगमन सेवाएं, मेरठ मेट्रो प्रदान करने जा रहा है, जिसमें 23 किमी की दूरी में 13 स्टेशन होंगे। एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि संपूर्ण कॉरिडोर को 2025 तक जनता के लिये परिचालित कर दिया जाए।