मेरठ के बहुचर्चित जीनत हत्याकांड में दोस्त अफसाना को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। साल 2024 में उसे यह सजा सुनाई गई है। दरअसल, अफसाना ने जीनत को जिंदा जलाकर मार दिया था। यह मामला मेरठ के लिसाड़ीगेट थाना इलाके से जुड़ा अप्रैल 2019 का है।
दरअसल। 1 अप्रैल 2019 को जीनत गायब हो जाती है। अगले ही दिन यानी कि 2 अप्रैल को दूसरे मोहल्ले के एक घर में आग लगने की खबर फैलती है। जब तक लोग पहुंचते हैं तब तक आग बुरी तरीके से फ़ैल चुकी होती है। बाद में किराए के एक कमरे से एक महिला का शव मिलता है। मृतक महिला की पहचान अफसाना के तौर पर की जाती है।
इसके बाद कथित रूप से मृतक अफसाना के परिजन उसके पति के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज कराते हैं। दूसरी तरफ लापता हुआ जीनत का भाई भी उसके पति के खिलाफ दहेज के लिए मारपीट का आरोप लगाते हुए गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाता है। जब पुलिस दोनों मामलों की जांच करती है तो पता चलता है कि जीनत और अफसाना पक्की सहेली थी।
आगे की जांच और CCTV से यह पता चला कि जीनत 1 अप्रैल को अफसाना के घर गई थी, लेकिन वहां से लौटी नहीं। इसके बाद 24 अप्रैल 2019 को एक महिला खुद को निशा बताते हुए थाने पहुंचती है। उसने खुद को गर्भवती बताया और आरोप लगाया कि उसके पति प्रवीण ने उसे छोड़ दिया है। लेकिन थाने में मौजूद एक पुलिस वाले को उस पर शक होता है। पहचान के लिए अफसाना की मां को थाने बुलवाता है और उसकी पहचान कराता है।
28 अप्रैल 2019 पुलिस निशा और उसके कथित प्रेमी प्रवीण कुमार को गिरफ्तार कर लेती है। पूछताछ में अफसाना उर्फ निशा अपना जुर्म कबूल कर लेती है। उसने बताया कि वह अपने पति को छोड़कर प्रेमी प्रवीण के साथ रहना चाहती थी। इसलिए उसने जीनत की हत्या कर उसे जला दिया ताकि लोगों को लगे कि वह मर गई है। जब हर तरफ अफसाना के मारे जाने का शोर मच गया तो अफसाना खुद प्रेमी प्रवीण के पास चली गई।
प्रवीण को अफसाना ने अपना नाम निशा बताया था। लेकिन प्रवीण को जब उसके अफसाना होने का पता चला तो उसने उससे पीछा छुड़ा लिया। इससे बौखलाई गर्भवती अफसाना पुलिस के पास निशा बनकर पहुंच गई। उसका यह कदम उसके लिए ही भारी पड़ गया। उसकी पहचान, उसकी साजिश सब कुछ दुनिया के सामने आ गई। अब इस मामले में कोर्ट ने अफसाना को जीनत की हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।