उत्तर प्रदेश के मेरठ में कथित हेलीकॉप्टर ‘चोरी’ की शिकायत को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की। मगर पुलिस ने इस गलतफहमी के कारण उपजा मामला करार दिया है। पुलिस के अनुसार उसे ‘एसएआर एविएशन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड’ के पायलट रवींद्र सिंह की शिकायत मिली थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी फर्म का हेलीकॉप्टर चोरी हो गया है। शिकायत में दावा किया कि मई में कुछ लोग हेलीकॉप्टर के पुर्जे अलग-अलग कर उसे ट्रक में भरकर ले गए थे तथा जब उन्होंने ऐसा करने वाले लोगों से इस बारे में पूछा तो उनके साथ मारपीट की गई। अखिलेश यादव ने इस मामले पर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की है।
अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, “उत्तर प्रदेश में अब तक अपराधी केवल हत्या, लूट, डकैती, दुष्कर्म से भाजपा की कानून-व्यवस्था का पुर्जा- पुर्जा खोल रहे थे लेकिन अब तो मेरठ में सच में हेलीकॉप्टर का पुर्जा-पुर्जा खोलकर ट्रक पर लादकर ले जाने की ख़बर आयी है। यह हवाई पट्टी की सुरक्षा का भी सवाल है। क्या वहां की सुरक्षा व्यवस्था छुट्टी पर गई है।”
जानकारी के मुताबिक, चोरी की शिकायत रवींद्र सिंह ने परतापुर थाने में की थी। पुलिस के अनुसार उस शिकायत में उन्होंने दावा किया था कि 10 मई 2024 को एक मैकेनिक ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर हवाई पट्टी पर खड़े हेलीकॉप्टर को अनाधिकृत रूप से पुर्जे खोलकर अलग-अलग हिस्सों में बांटे जाने की सूचना दी थी। एविएशन कंपनी की वेबसाइट पर सूचीबद्ध नंबर पर फोन पर संपर्क करने पर खुद को ‘एसएआर एविएशन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड’ का निदेशक बताने वाले कैप्टन जी सी पांडे ने कहा, “मुझे नहीं पता कि यह सब कैसे शुरू हुआ। इसमें कोई सुरक्षा या संरक्षा संबंधी चूक नहीं है।” एसएआर एविएशन के पायलट रवींद्र सिंह की शिकायत के बारे में पूछे जाने पर कैप्टन पांडे ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि शिकायत क्यों की गई। पांडे ने कहा, “मुझे नहीं पता कि शिकायत क्यों की गई। जहां तक रवींद्र सिंह का सवाल है, वह अब हमारी कंपनी में नहीं हैं।” उन्होंने कहा कि जिस ‘हेलीकॉप्टर’ की वजह से इतना विवाद हुआ है उसे 2023 में ही बेच दिया गया था।