मेरठ में समाजवादी पार्टी के नए जिलाध्यक्ष ने खुद पार्टी विधायकों के घर जाकर उनसे मुलाकात की है। स्वागत समारोह में एक भी विधायक जिलाध्यक्ष का स्वागत करने नहीं पहुंचे। जिलाध्यक्ष ने इस बात पर काफी नाराजगी जताई थी। यहां तक कहा था कि जो लोग नहीं आए, उनकी हमें जरूरत नहीं है। इन लोगों की रिपोर्ट बनाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजेंगे। दूसरे दिन जिलाध्यक्ष स्वयं समर्थकों के साथ विधायकों से मिलने उनके घर पहुंच गए। शनिवार को जिलाध्यक्ष ने किठौर विधायक शाहिद मंजूर, शहर विधायक रफीक अंसारी से उनके घर पर मुलाकात की है। सरधना विधायक के यहां वो नहीं पहुंचे। तीनों विधायकों ने तो जिलाध्यक्ष का स्वागत किया न ही उनकी बैठक में पहुंचे।

सपा के नए जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी दरअसल शिवपाल यादव के करीबी हैं। तीन साल तक विपिन ने लगातार मेरठ में प्रसपा जिलाध्यक्ष का पद संभाला है। अब अखिलेश यादव ने चाचा के खेमे से एक चेहरे को लेकर सपा का जिलाध्यक्ष बना दिया है। यह बात सपा नेताओं को पच नहीं रही है। सपा जिलाध्यक्ष पर सरधना विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान का नाम भी चर्चाओं में था। ऐसा न होने से एक विधायक व उनके समर्थक नाराज हैं। वहीं प्रसपा के चेहरे को सपा जिलाध्यक्ष बनाने से सपाई भी खफा हैं। आपसी गुटबंदी अभी से नजर आ रही है।

बता दें कि मेरठ में सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह ने सपा छोड़ भाजपा का साथ थाम लिया है। उनके साथ महामंत्री भी भाजपाई हो गए हैं। जयवीर के जाने से सपा जिलाध्यक्ष का पद खाली था। अखिलेश यादव ने प्रसपा के तीन साल के जिलाध्यक्ष रहे विपिन चौधरी को पार्टी का जिलाध्यक्ष बनाया है। शुक्रवार को नए जिलाध्यक्ष लखनऊ से मेरठ आए। यहां उनका स्वागत समारोह और पार्टी कार्यालय में बैठक रखी गई थी। लेकिन तीनों विधायक और महानगर अध्यक्ष नवनियुक्त जिलाध्यक्ष से मिलने नहीं पहुंचे।

सपा के नए जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी रजपुरा से पूर्व प्रधान है। विपिन चौधरी पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है। हालांकि विपिन चौधरी का कहना है कि मुकदमे में एफआर लग चुकी है। लेकिन पुलिस इसे स्वीकार नहीं कर रही है। ऐसे में नवनियुक्त जिलाध्यक्ष पद लेते ही विवादों के घेरे में आ गए हैं।

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