मेरठ में मधुमक्खियों ने जनता पर हमला बोल दिया। नाराज मधुमक्खियों का हमला इतना तेज था कि एक महिला की मौत हो गई। वहीं 18 लोग घायल हो गए। घटना पूजा समारोह में प्रसाद वितरण के दौरान हुई। जब प्रसाद वितरण के समय अचानक पेड़ पर बना मधुमक्खियों का छत्ता टच हो गया और मधुमक्खियों ने जनता पर हमला बोल दिया। अचानक हुए इस हमले से जनता में भगदड़ मच गई। भगदड़ में महिला बुरी तरह घायल हुई। जिसे अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया, लेकिन उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। वहीं लोगों ने खुद को बचाने के लिए वहीं सड़क पर ही लेट गए।
मेरठ के परीक्षितगढ़ थाना क्षेत्र के खजूरी गांव में डॉ. अरुण त्यागी के यहां पूजन था। डॉ. अरुणा त्यागी का परिवार राजस्थान के बागड़ स्थित गोगा म्हाड़ी के लिए गया है। बुधवार को यहां जाने से पहले गांव के बाहरी क्षेत्र पर बने सम्राट मंडप के समीप पथवारी (अस्थाई म्हाड़ी) बनाकर गुरु गोरखनाथ की पूजा अर्जना की गई। उसके बाद प्रसाद वितरण किया जा रहा था। तभी वहां पेड़ पर बने छत्ते से मधुमक्खियों ने हमला बोल दिया।
मधुमक्खियों के डंक मारने से 60 वर्षीय ललिता त्यागी पत्नी प्रकाश चंद व निर्मला निवासी सिखेड़ा बदहवास हो गई। शाम के चार बजे ललिता त्यागी ने स्नान कर लिया। उसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई। उन्हें जिला मुख्यालय स्थित अस्पताल लेकर जा रहे थे। तभी रास्ते में दम तोड़ दिया।
गांव के लोग गुरु का प्रसाद ले रहे थे। तभी अचानक मंडप के परिसर में खड़े पेड से मधुमक्खियों ने हमला बोल दिया, जिस कारण भगदड़ मच गई। मधुमक्खियों के हमले से बचने को लोग सड़कों पर लेट गए। कई महिलाओं को मधुमक्खियों ने घेर लिया। उनके कान से अंदर तक मधुमक्खी घुस गई थी। तभी आसपास के लोगों ने धुआं कर मधुमक्खियों को भगा दिया।
दो साल के शिवांश, एक साल के कृष्ण, डॉ. अरूण कुमार, सुमन देवी, ललिता त्यागी, विक्की, राहुल, अनमोल, अनुभव, प्रशांत, विक्रांत, राखी, हैप्पी भी बदहवास हो गए। सभी को पहले गांव में डाक्टरों से दवाई दिलाई। उसके बाद कुछ की हालत गंभीर होने पर मेरठ जिला मुख्यालय स्थित लोकप्रिय अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। डॉ. अरुण त्यागी ने बताया कि इलाज के बाद सभी को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
मधुमक्खियों के हमले के बाद वहां अफरा तफरी फैल गई पास ही एचडी एफसी बैंककर्मियों पर भी मक्खियों ने हमला बोल दिया जिन्होंने बैंक में घुसकर जान बचाई। वहीं मुख्य मार्ग पर चल रहे अनेक बाइक सवार भी चपेट में आ गए और बाद में रास्ता ही बंद हो गया। बाद में किसी तरह अरूण का परिवार किसी तरह जात देने गया।