अयोध्या भूमि विवाद मामले के पूर्व वादी इकबाल अंसारी ने कहा है कि हिंदू और मुसलमानों के बीच विवाद खत्म हो गया है और देश में ‘सबका साथ, सबका विकास’ होना चाहिए। इकबाल अंसारी ने कहा कि जहां तक राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद का सवाल है, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है जिसके बाद निर्माण कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरे देश के मुसलमानों ने इसका स्वागत किया। कोई विरोध प्रदर्शन या कुछ भी नहीं हुआ… यह आस्था का मामला है और यह अच्छा है कि मंदिर का निर्माण हो रहा है।

बाबरी मस्जिद के पक्षकार ने कहा कि मुसलमानों को इससे कोई विरोध नहीं है। अयोध्या आस्था की भूमि है। यहां सभी धर्मों के लोग रहते हैं। 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन हो रहा है। उन्होंने कहा कि सभी मेहमानों, पीएम मोदी और सीएम योगी का स्वागत है। हिंदू और मुसलमानों के बीच विवाद खत्म हो गया है। कुछ लोग कुछ बयान दे रहे हैं लेकिन उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। देश में ‘सबका साथ, सबका विकास’ होना चाहिए। एक सदी से भी अधिक पुराने इस विवाद का निस्तारण करते हुए, शीर्ष अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल पर एक न्यास द्वारा राम मंदिर के निर्माण का फैसला दिया और मुस्लिम पक्ष को मस्जिद के लिए पांच एकड़ भूमि आवंटित करने को कहा।

इससे पहले जह मोदी 30 दिसंबर को अयोध्या गए थे तब जब उनका का काफिला जब राम पथ से गुजरा तब साधु-संतों के साथ-साथ कई आम लोगों ने पुष्पवर्षा की जिनमें अंसारी भी शामिल थे। अंसारी ने कहा, ‘‘ये हमारी परंपरा है। हम अपने शहर में आने वाले मेहमानों का स्वागत करते हैं।’’ अंसारी का साधारण घर राम पथ के पास कोटिया पंजीटोला में स्थित है। मुख्य दरवाजे के बाहर दीवार पर एक पुराना हरे रंग का बोर्ड लगा हुआ है, जिस पर उनका उल्लेख ‘मुद्दई बाबरी मस्जिद’ के रूप में किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं वहां उस सड़क के मोड़ पर खड़ा था जो हमारे पड़ोस की ओर जाती है, और जैसे ही उनका (प्रधानमंत्री का) काफिला गुजरा, मैंने शहर में उनका स्वागत करने के लिए फूल की पंखुड़ियों की वर्षा की।’’

 

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