अयोध्या के राम मंदिर में हुए रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पीएम मोदी ने 11 दिनों का अनुष्ठान किया था और उपवास रखा था। कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने प्रधानमंत्री के इस उपवास को लेकर सवाल उठाये हैं।
प्राण प्रतिष्ठा होने के अगले दिन मोइली ने कहा कि उन्हें शक है पीएम ने 11 दिनों का अनुष्ठान किया होगा। बिना उपवास के गर्भगृह में प्रवेश करने से वो जगह अपवित्र हो जाती है और वहां से ऊर्जा उत्पन्न नहीं होती।
मोइली ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, ”जब मैं एक डॉक्टर के साथ सुबह की सैर पर था, तो उन्होंने मुझसे कहा कि एक इंसान 11 दिनों तक उपवास करते हुए जीवित नहीं रह सकता। अगर वह (पीएम मोदी) जीवित हैं, तो यह एक चमत्कार है। इसलिए, मुझे संदेह है कि क्या उन्होंने उपवास किया है?”
उन्होंने आगे कहा, “अगर उन्होंने उपवास किए बिना राम मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया है, तो वह स्थान अशुद्ध हो जाता है और उस स्थान से शक्ति उत्पन्न नहीं होगी।”
पीएम मोदी ने राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के अनुष्ठानों के हिस्से के रूप में 11 दिन का उपवास रखा था। राम मंदिर उद्घटान के दिन, पीएम मोदी ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज द्वारा दिए गए ‘चरणामृत’ (अनुष्ठानों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले दूध से बना मीठा पेय) पीकर अपना उपवास समाप्त किया।
कांग्रेस नेता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, कर्नाटक के भाजपा सांसद लहर सिंह सिरोया ने कहा, “वीरप्पा मोइली, जो एक महान लेखक का मुखौटा पहनकर घूमते हैं, सोचते हैं कि हर कोई उनके जैसा नकली है। मोइली ने अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन से पहले पीएम नरेंद्र मोदी जी के उपवास पर संदेह किया है। देश सच्चाई जानता है।”
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “आप उपवास कर सकते हैं और जीवित रह सकते हैं यदि आपकी भगवान राम में आस्था है, न कि अगर आप गांधी परिवार को खुश कर रहे हैं। परिवार को खुश करने के इस प्रयास के बावजूद, मोइली को चिक्कबल्लापुर से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस का टिकट नहीं मिलेगा।”