मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश सरकार ने होटल कारोबारियों को बड़ी राहत प्रदान की है। प्रदेश में नगरीय क्षेत्रों में चल रहे होटलों पर प्रॉपर्टी टैक्स कम किया जाएगा। अब होटल मालिकों को गृहकर से तीन गुना टैक्स देना होगा, अब से पहले यह छह गुना था। पालिका को प्रति वर्ष 20-25 लाख रुपये के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है।
सरकार के इस निर्णय से होटल मालिक खुश हैं। सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण फैसला किया है। इसके लिए सरकार होटलों के प्रापर्टी टैक्स को कम करने जा रही है। सरकार ने होटलों को उद्योग का दर्जा देते हुए इनपर लगने वाले कर में भारी कमी करने का फैसला किया है। मौजूदा समय में होटलों से आवासीय भवनों पर लगने वाले गृहकर से छह गुना अधिक कर लिया जा रहा है। सरकार के फैसले के बाद अब गृहकर से सिर्फ तीन गुना कर लिया जाएगा। प्रदेश में होटलों पर कर की दरें अलग-अलग तय की गई हैं।

चार सितारा से कम की रेटिंग वाले होटलों से आवासीय का पांच गुणा गृहकर लिया जाता है। चार सितारा व इससे अधिक की रेटिंग वाले होटलों से यह छह गुणा वसूला जाता है। जिन होटलों में बार की सुविधा होती है, फिर चाहे वे किसी भी श्रेणी के हों, उनका टैक्स आवासीय भवनों का छह गुणा लिया जाता है। प्रदेश में होटल व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए ही सरकार ने इन्हें राहत देने का निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति 2022 में होटलों को उद्योग का दर्जा दिया गया है।
नगरपालिका परिषद् के कर अधीक्षक नरेश शिवालिया ने बताया कि अभी शासनादेश के बाद ही व्यवस्था लागू होगी। नगरीय क्षेत्र में करीब 60-65 होटल हैं, जिनसे कॉमर्शियल टैक्स वसूला जा रहा है। इस आदेश के लागू होने पर पालिका को 20 लख से अधिक का घाटा प्रति वर्ष होगा। होटल मैनेजर आसिफ का कहना है कि इससे होटल संचालकों को लाभ होगा।

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