मुजफ्फरनगर में डेंगू ने कहर बरपाया है। आश्चर्यचकित करने वाला तथ्य यह है कि डेंगू का मच्छर शहर और शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्र में ही सर्वाधिक डंक मार रहा है। हालत ये हैं कि जिले में डेंगू पॉजिटिव मरीजों में आधा से अधिक शहरी और शहर से सटे ग्रामीण इलाकों से हैं। यदि इन क्षेत्राें में डेंगू मरीजों का आंकड़ा देखा जाए, तो 153 बैठता है। जबकि जिले में अब तक 213 मरीज सामने आए हैं।
जिले में मच्छरों पर अंकुश नहीं लग पा रहा। जिसके चलते वेक्टर बोर्न डिजीज जैसे मलेरिया-डेंगू के रोगियों में इजाफा हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग डेंगू मरीजों के उपचार और बचाव के लिए जागरूकता फैला रहा है। लोगों को घरों और आसपास क्षेत्र में पानी एकत्र न होने देने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग डेंगू बुखार से निपटने के लिए पूरे प्रयास कर रहा है। जिला अस्पताल में डेंगू मरीजों के उपचार के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है। जांच की प्रक्रिया भी तेज चल रही है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार प्रतिदिन 90 लोगों की डेंगू जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर औसतन पांच मरीजों में डेंगू बुखार की पुष्टि हो रही है।
जिला सर्विलांस अधिकारी अलका सिंह के अनुसार इस बार जागरूकता का असर जनपद के विभिन्न टाउन एरिया में नजर आ रहा है। बताया कि शाहपुर, जानसठ, खतौली आदि शहरी क्षेत्र में डेंगू के मरीज काफी कम हैं। अब तक बुढ़ाना में 8, चरथावल में 10, जानसठ में 4, खतौली में 14, पुरकाजी में 4 और शाहपुर में तीन मरीज सामने आए हैं। जबकि शहर में अब तक 66 मरीज सामने आ चुके हैं। जबकि शहर से सटे सदर ब्लाक के गांव मेघाखेड़ी, चांदपुर, मखियाली, बिलासपुर, दतियाना, आदि में 89 डेंगू पॉजिटिव मरीज मिले हैं।
सीएमओ डॉक्टर एमएस फौजदार का कहना है कि शहर और शहर से सटे ग्रामीण इलाकों में ही डेंगू के अधिक मरीज सामने आ रहे हैं। जबकि जनपद के विभिन्न नगर पंचायतों में डेंगू मरीजोंं की संख्या काफी कम निकल रही है। ऐसे क्षेत्रों में जागरूकता का प्रभाव देखने को मिल रहा है।