मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण ने शहर के मुकदमा दर्ज कराया है। शहर के नई मंडी क्षेत्र के इन कॉलोनाइजर्स पर शासन के आदेशों की अवहेलना कर अवैध प्लाटिंग का आरोप है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण के प्रभारी अधिकारी ने नई मंडी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया कि प्राधिकरण की ओर से बार-बार अवैध कॉलोनी का ध्वस्तीकरण किया जा रहा है।

बावजूद इसके कॉलोनाइजर अवैध लाभ अर्जित करने के लिए महायोजना 2022 के प्रारूप का उल्लंघन कर रहे हैं। शासन के आदेशों की अवहेलना कर अवैध प्लाटिंग की जा रही है। खरीदारों को धोखे में रखकर एक ऐसी आवासीय बस्ती बसाने का प्रयास किया जा रहा है। जहां सुविधाओं के नाम पर कुछ ना हो। बिना आवश्यक रास्ता छोड़े, सड़क निर्माण तथा अन्य सुविधाओं को दरकिनार कर प्लॉट बेचे जा रहे हैं। जिससे किसी भी खतरे की स्थिति में आवासीय बस्ती के लोगों को तुरंत राहत पहुंचाना मुश्किल होगा।

शासन के आदेशों की अवहेलना कर कॉलोनाइजर राजस्व को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। विकास कर जमा न होने से क्षेत्र का आवश्यक विकास भी अवरुद्ध रहेगा। जिसे पूर्ण करने में शासन को अतिरिक्त राजस्व खर्च करने की आवश्यकता पड़ेगी। एमडीए वीसी व अन्य अधिकारियों को शिकायत की प्रतिलिपि संदर्भित करते हुए मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की गई।

एमडीए ने नई मंडी क्षेत्र मैं अवैध कॉलोनी काटने के आरोप में मुनीम कॉलोनी के शीतल जैन, मांगेराम पाल, प्रियांशु जैन, सरवट के मोहम्मद दिलशाद, इंतजार अली, रुड़की रोड के सत्तार, ममता, हाजी लियाकत नवाब, पचेंडा के राजेंद्र, कुसुम बिजेंदर, सुभाष कुमार, वेद प्रकाश, पवन मलिक, यशवीर सिंह, राजकुमार, विनोद कुमार, परमिंदर, राजबाला, अरविंद कुमार, बृजेश कुमार, रविंद्र कुमार और नरेश कुमार को आरोपी बनाया गया है। इनके अलावा 29 अन्य कॉलोनाइजर्स पर भी मुकदमा दर्ज कराया गया है।

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