मुजफ्फरनगर। जनपद में सोमवार रात ग्रामीणों की शिकायत पर जिला प्रशासन और प्रदूषण विभाग की संयुक्त टीम ने तिरुपति इंडस्ट्रीज नाम की एक फैक्ट्री पर छापेमारी की, छापेमारी के दौरान टीम ने मौके पर पाया कि फैक्ट्री में पुराने टायरों से काला तेल निकालने का काम किया जा रहा था। जिसके चलते प्रदूषण को देखते हुए टीम के द्वारा तुरंत फैक्ट्री को सील कर दिया गया।

दरअसल सोमवार को मुजफ्फरनगर जिला अधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी को ग्रामीणों द्वारा शिकायत की गई थी की नगर कोतवाली क्षेत्र स्थित मुजफ्फरनगर सहारनपुर स्टेट हाईवे के मलीरा गांव के जंगल में तिरुपति इंडस्ट्री नाम की एक फैक्ट्री रात में 8:00 बजे से सुबह 8:00 बजे तक चलती है। जिसमें गाड़ियों के पुराने टायर जलाए जाते हैं। जिसके चलते जिला अधिकारी मुजफ्फरनगर अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने एसडीएम सदर परमानंद झा के नेतृत्व में प्रदूषण नियंत्रण विभाग और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम को छापेमारी के लिए आज रात में मौके पर भेजा था, टीम ने मौके पहुंच कर पाया कि फैक्ट्री रात में भी चल रही थी। जिसके बाद जब फैक्ट्री में जांच पड़ताल की गई तो पाया गया कि यहां पर गाड़ियों के पुराने टायरों को जलाकर तेल निकाला जा रहा है। जिससे क्षेत्र में प्रदूषण की बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही थी। जिसके चलते प्रदूषण विभाग की टीम ने फैक्टरी को सील करते हुए अपनी आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए एसडीएम सदर परमानंद झा ने बताया कि आज जिलाधिकारी महोदय के समक्ष ग्रामीणों द्वारा इस आशय की शिकायत की गई थी कि यहां पर मैसर्स तिरुपति इंडस्ट्रीज चल रहा है ज़हां पर रात के 8:00 बजे से लेकर लगभग सुबह के 8:00 बजे तक ये चलता है। यह कल भी वेरीफाई कराया गया था एवं कल भी यह चला था और इसकी पुष्टि यहां के श्रमिकों व ग्रामीणों द्वारा भी की गई है, इस शिकायत की पुष्टि होने पर हम लोग यहां पर आए जिसमें क्षेत्रीय प्रदूषण विभाग अधिकारी एवं हमारा पुलिस बल भी है। यहां पर आकर देखा गया तो वास्तव में यहां पर टायरों का जखीरा पड़ा हुआ है और इसको गला करके इससे तेल, कार्बन व अन्य चीजें जलाई जाती है। जिससे यहां पर प्रदूषण का खतरा रहता है, इसमें नियमानुसार अभी सील लगाई गई है एवं सील करने के बाद जो क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग अधिकारी हैं उनके द्वारा नोटिस जारी किया गया साथ ही अन्य विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है, जैसे ही संज्ञान में आता है हम लोग इसमें कार्रवाई करते हैं,  इसी क्रम में हम लोग यहां आए हैं, बिल्कुल यह 300 मीटर के अंदर नहीं होनी चाहिए और यह इस मानकों के अनुरूप है, जो मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण का 2021 का प्लान है। इसमें भी स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि इस तरह पॉलिटिन यूनिट 300 मीटर की परिधि में नहीं होना चाहिए, आपने ये संज्ञान में डाला है उस पर भी जरूर कार्यवाही होगी।

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