मुजफ्फरनगर में पीएनजी सप्लाई लाइन बिछाने के लिए शहर में खोदे गए गड्ढे भरने को आइजीएल (इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड) ने नगर पालिका को चार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है। पूर्व में कंपनी द्वारा की गई खोदाई के कारण नागरिकों की परेशानी हो रही थी। इसके चलते पालिका चेयरपर्सन ने नई पाइपलाइन बिछाए जाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया था।

नगर पालिका क्षेत्र में आइजीएल कंपनी घरेलू गैस पाइप लाइन बिछा रही है। कई वर्ष से यह प्रक्रिया चल रही है। शहरी क्षेत्र में करीब 600 किमी. की सड़कों में पाइपलाइन बिछा दी गई है। करार के अनुसार पाइपलाइन बिछाने के बाद रोड कटिंग से हुए गड्ढ़ों को भरने पर आने वाला खर्च वहन करने की जिम्मेदारी संबंधित कंपनी की है। गत बोर्ड के कार्यकाल से ही पाइपलाइन बिछाने के बाद शहर के विभिन्न मोहल्लों में हुए गड्ढे भरने को लेकर विवाद उठता रहा है। अब आईजीएल को शहर में करीब 120 किलोमीटर क्षेत्र में नई पाइपलाइन डालनी है। ऐसे में पालिका से अनुमति मांगी गई, तो चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने यह पत्रावली रोक ली। कंपनी को पूर्व में डाली गई गैस पाइपलाइन के लिए खोदी गई सड़कों और गलियों के गड्ढे भरने के लिए कहा गया।

इसके लिए 20 जुलाई 2023 को चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप की सख्ती के कारण आईजीएल को नए क्षेत्र में काम कराने के लिए पालिका से अनुबंध करना पड़ा। इसी अनुबंध की शर्तों के अनुसार तैयार कराए गए रोड रेस्टोरेशन चार्ज के अन्तर्गत आईजीएल ने पालिका के खाते में 4.13 करोड़ की धनराशि रोड कटिंग के एवज में ट्रांसफर कर दी। आईजीएल डिप्टी मैनेजर अक्षय कुमार मिश्रा ने इसकी पुष्टि की।

आइजीएल शहर के विभिन्न भागों में पाइप लाइन बिछाने जा रही है। रोड कटिंग से शहर में 11256 गड्ढ़े होने का अनुमान है। जिन्हें भरने के लिए वृहद स्तर पर कार्ययोजना बनाई जा रही है।

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