मुजफ्फरनगर में बाढ़ का खतरा अभी भी मंडरा रहा है। पूर्व में गंगा और पश्चिम में काली और हिंडन नदी उफान पर आ गई हैं। गंगा नदी किनारे बसे 43 गांव को हाई अलर्ट पर रखा गया है। हिंडन का पानी बढ़ने के कारण एसटीपी प्लांट में काम कर रहे तीन मजदूरों के सामने जान का खतरा पैदा हो गया। जिन्हें रेस्क्यू कर निकाला गया।

पहाड़ी क्षेत्रों में हुई मूसलाधार बारिश के चलते गंगा सहित उसकी सहायक नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर चल रही हैं। मुजफ्फरनगर में गंगा किनारे बसे खादर क्षेत्र के 40 गांव में बाढ़ का पानी बढ़ने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। इन गांव के लोगों को अलर्ट पर रखा गया है। गांव वाले बाढ़ की दहशत के चलते जरूरी सामान और पशुओं को लेकर सुरक्षित स्थानों की ओर निकल रहे हैं।

खादर क्षेत्र में पानी लगातार बढ़ता जा रहा है। बाढ़ चौकियों पर राहत और सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। जिला प्रशासन ने सभी 43 गांव को अलर्ट पर रखते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात कर दिया है।

जिला प्रशासन ने गंगा नदी किनारे बसे 43 गांव को हाई अलर्ट पर रखा है।
जिला प्रशासन ने गंगा नदी किनारे बसे 43 गांव को हाई अलर्ट पर रखा है।

जनपद की सीमा से सटे हिंडन नदी में पानी छोड़ा गया है। जिसे हिंडन नदी किनारे दोनों और बसे गांव में पानी बढ़ता जा रहा है। किसानों की हजारों बीघा फसल बर्बाद हो चुकी है। केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ संजीव बालियान ने रविवार को गांव का दौरा कर राहत और बचाव के आदेश जारी किए थे।

बुढ़ाना कस्बे के समीप हिंडन नदी का पानी एसटीपी प्लांट में घुस गया। जहां काम कर रहे 3 कर्मचारियों के सामने जान का खतरा पैदा हो गया। एडीएम एफ गजेंद्र कुमार ने रेस्क्यू टीम भेजकर तीनों को सुरक्षित निकाला। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य जारी है।

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