मुजफ्फरनगर कोर्ट ने रामपुर तिराहा कांड के मामले में पीड़िताओं को गवाही के लिए पेश होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सीबीआई को निर्देशित किया है कि वह पूर्ण सुरक्षा में उन्हें 6 जुलाई को कोर्ट में पेश करे। सोमवार को रामपुर तिराहा कांड के मामले में मौके के गवाह ढाबा मालिक ने भी गवाही दी।
ज्ञात रहे कि 1-2 अक्टूबर 1994 की रात को पृथक उत्तराखंड गठन की मांग को लेकर देहरादून से दिल्ली जा रहे आंदोलनकारियों को पुलिस ने रामपुर तिराहा पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया था। रात के समय आंदोलन उग्र होने पर पुलिस ने फायिरंग कर दी थी, जिसमें 7 आंदोलनकारी की मौत हो गई थी, जबकि कई महिलाओं के साथ दुष्कर्म के आरोप भी पुलिस पर लगे थे।
सीबीआई ने विवेचना के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। एडीजीसी परविंदर सिंह ने बताया की सोमवार को केस की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 7 शक्ति सिंह की कोर्ट में हुई। सुनवाई के दौरान सीबीआइ की तरफ से न्यायालय में सरकार बनाम राधा मोहन द्विवेदी मामले को लेकर मौके के गवाह ढाबा मालिक की गवाही कराई गई। बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र शर्मा और राजेंद्र पवार ने गवाह से जिरह की।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता परविंदर सिंह ने बताया कि सीबीआई को कोर्ट ने आदेशित किया कि उक्त मामले में 3 जुलाई को अगला गवाह पेश करें। उन्होंने बताया कि रामपुर तिराहा कांड के दूसरे मुकदमें सरकार बनाम मिलाप सिंह के अंतर्गत गवाही के लिए पूर्ण सुरक्षा में पीड़ितोंओं को 6 जुलाई को बुलाए जाने के आदेश भी जारी किए गए।