मुजफ्फरनगर में खतौली क्षेत्र के गांव पुट्ठा में चकरोड के विवाद में अनुसूचित जाति के किसान की हत्या के मामले में दो सगे भाइयों समेत पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) के पीठासीन अधिकारी कमलापति प्रथम ने फैसला सुनाया।

विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि पुट्ठा गांव में नौबत और चरण सिंह पक्ष के बीच चकरोड को लेकर विवाद चला आ रहा था। 10 मार्च 2001 को दूसरे पक्ष के लोगों ने नौबत के घर में घुसकर धारदार हथियारों से काटकर और गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी। हमले में परिवार के अन्य लोग भी घायल हुए थे।

वादी विनोद कुमार ने 11 मार्च 2001 को अभियुक्त सगे भाई चरण सिंह व विश्राम और मैनपाल, उमेश, बिट्टू समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। प्रकरण की सुनवाई विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) में हुई। अभियोजन की ओर से 11 गवाह पेश किए गए।
सगे भाई चरण सिंह व विश्राम और मैनपाल, उमेश, बिट्टू पर दोष सिद्ध हुआ। दोषियों को धारा 302 में आजीवन कारावास और 20-20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। अन्य धाराओं में भी सजा सुनाई गई। सभी सजाएं साथ चलेंगीं। जुर्माने की आधी धनराशि से मृतक के वारिसों को बतौर क्षतिपूर्ति दी जाएगी।

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