करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी लावारिश पशुओं से निजात नहीं मिल पाया है। बेसहारा गोवंश की समस्या साल दर साल बढ़ती जा रही है। गोशालाओं में क्षमता से अधिक गोवंश हैं। सड़क, हाईवे और खेतों में करीब दस हजार से अधिक आवारा पशु घूम रहे है। सड़कों पर घूम रहे पशु आए दिन किसी न किसी दुर्घटना को अंजाम दे रहे है, वहीं इन पशुओं के कारण किसानों की फसल भी बर्बाद हो रही है। जनपद में करीब 65 गोशालाएं हैं। जिनमें करीब 3898 गोवंश हैं। इसके अलावा करीब 2066 गोवंश किसानों की सुपुदर्गी में दिए गए है।

पशु पालन विभाग के द्वारा कराई गई पशुजनगणना के अनुसार जनपद में करीब 7 लाख 50 हजार 671 पशु है। जिसमें 2 लाख 91 हजार 224 गोवंश और 4 लाख 59 हजार 447 महिशवंशीय पशु है। जनपद में कुल 65 गोशालाएं हैं। जिनमें से 18 स्थाई गोशालाएं और 47 अस्थाई गोशालाएं हैं। इन गोशालाओं में करीब 3898 गोवंश रहते है। बुढ़ाना, बुड़ीनाकलां, चरथावल और रामपुर तिराहे के समीप बनी कुछ ही गोशालाओं की क्षमता 100 गोवंश से अधिक हैं। अन्य गोशालाओं की क्षमता 20 से 50 तक हैं। कुछ गोशालाओं का क्षेत्रफल काफी है, लेकिन इंतजाम कम है। जिस कारण पशु पालन विभाग को करीब 2066 गोवंश किसानों की सुपुदर्गी में दिए गए है। सुपुदर्गी में दिए गए प्रति गोवंश के आधार पर पशुपालक को 30 रुपये प्रति दिन के हिसाब से धनराशि दी जाती है, जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।

पशुपालन विभाग करीब 7845 बेसहारा गोवंश को पकड़ने का दावा कर रहा है, लेकिन फिर भी सड़कों पर हजारों की संख्या में गोवंश घूम रहे है। शहर में नवीन मंडी रोड, भोपा रोड, जानसठ रोड, मेरठ रोड, रुड़की रोड, शामली बस स्टैंड, सहारनपुर बस स्टैंड, भोपा बस स्टैंड, आदि स्थानों पर बेसहारा गोवंश घूमते रहते है। इन गोवंश के कारण हादसा होने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा हाइवें पर भी गोंवशों की तादात बढती जा रही है। वहीं इन आवारा पशुओं के कारण किसानों की फसल भी बर्बाद हो रही है।

जनपद में करीब 7,50,671 कुल पशु है। जिसमें 2,91,224 गोवेंश और 4,59,447 महिशवंशीय पशु है। जनपद में करीब 65 गोशालाएं हैं। जिनमें करीब 3898 गोवंश है। वहीं करीब 7845 पशुओं को पकड़ा गया है।

जनपद में करीब 7.50 लाख से अधिक पशुओं की देखभाल के लिए पशुपालन विभाग में पर्याप्त चिकित्सक और स्टाफ नहीं है। जनपद के अधिकांश पशु चिकित्सालय डाक्टर और स्टाफ की कमी से जूझ रहे है। जनपद में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी भी नहीं है। मथुरा से आए डा. चन्द्रवीर सिंह पर मुख्य चिकित्साधिकारी का अतिरिक्त प्रभार है। जनपद में 45 चिकित्सालयों के सापेक्ष 32 चिकित्सक तैनात है। जबकि 13 चिकित्सक के पद खाली पडे है। वहीं पशुधन प्रसार अधिकारी व फार्मसिस्ट के पद भी रिक्त पड़े हुए है। ऐसे में पशु पालन विभाग को विषम परिस्थितियों का सामना करना पड रहा है।

पशुपालन विभाग में अधिकांश पद रिक्त पडे हुए है। शासन को बार बार रिपोर्ट भेजने के बाद भी उक्त पदों पर कर्मचारियों की तैनाती नहीं की गई है। ऐसे में पशु पालन विभाग हलकान है।

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