ब्रिटेन की प्रमुख औषधि निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका ने दुनियाभर से अपने कोविड-19 रोधी टीके वापस मंगाने शुरू कर दिए हैं। कंपनी ने कुछ दिन पहले यह स्वीकार किया था कि उसके टीकों के कारण खून के थक्के जमने और प्लेटलेट कम होने के मामले सामने आए हैं। एस्ट्राजेनेका ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के साथ मिलकर भारत को कोविशील्ड टीकों की आपूर्ति की थी। कंपनी ने एक बयान में कहा कि महामारी के बाद से उपलब्ध टीकों की अधिक संख्या को देखते हुए इन्हें वापस मंगाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

एस्ट्राजेनेका ने कोविड-19 टीके विकसित करने के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी की थी। इन टीकों को भारत में कोविशील्ड और यूरोप में ‘वैक्सजेवरिया’ के नाम से बेचा गया था। बयान में कहा गया है, “चूंकि कई प्रकार के कोविड ​​-19 टीके विकसित हो चुके हैं, इसलिए उपलब्ध टीकों की संख्या अधिक है। इससे ‘वैक्सजेवरिया’ की मांग में गिरावट आई है, जिसका उत्पादन या आपूर्ति अब नहीं की जा रही है।” कंपनी ने कहा, “अब हम इस अध्याय को समाप्त करने और कोविड​-19 महामारी में महत्वपूर्ण योगदान के लिए एक स्पष्ट मार्ग पर आगे बढ़ने को लेकर नियामकों और हमारे भागीदारों के साथ काम करेंगे।” इससे पहले, वैश्विक मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया था कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन के बहुत ही दुर्लभ दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

कंपनी ने दुष्प्रभावों का जिक्र किए बिना कहा था, “वैश्विक महामारी को समाप्त करने में वैक्सजेवरिया ने जो भूमिका निभाई, उस पर हमें अविश्वसनीय रूप से गर्व है। स्वतंत्र अनुमान के अनुसार टीकों का इस्तेमाल शुरू होने के बाद के पहले वर्ष में 65 लाख से अधिक लोगों की जान बचाई गई और दुनियाभर में तीन अरब से अधिक खुराकों की आपूर्ति की गई।” कंपनी ने कहा, “हमारे प्रयासों को दुनिया भर की सरकारों ने मान्यता दी है और इन्हें व्यापक रूप से वैश्विक महामारी को समाप्त करने का एक महत्वपूर्ण घटक माना जाता है।” भारत में, कोविड-19 टीकों की 220 करोड़ से अधिक खुराकें दी गई हैं और उनमें से अधिकांश कोविशील्ड थीं।

 

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