उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई थी। इस हिंसा में कई लोग घायल हो गए। जमीयत उलमा-ए-हिंद ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की मदद देने की घोषणा की है। वहीं, हिंसा में घायल लोगों का इलाज भी जमीयत उलमा-ए-हिंद ही करवाएगा।
रजबपुर में आयोजित बैठक में जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इस घटना में घायल हुए लोगों के इलाज के लिए उचित प्रबंध किए जाएंगे। मुरादाबाद के टीएमयू में भर्ती घायलों से मुलाकात भी की गई। इसके साथ ही, जमीयत ने एक राहत कमेटी और कानूनी कमेटी का गठन किया है ताकि प्रभावितों को हर संभव मदद मिल सके। मौलाना हकीमुद्दीन कासमी के नेतृत्व में जमीयत का एक प्रतिनिधिमंडल हिंसा में घायल हुए लोगों से मिलने के लिए टीएमयू अस्पताल पहुंचा।
मौलाना कासमी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने घायलों के पांव में बेड़ियां डाली हुई हैं। इलाज के दौरान दबाव बनाकर घायलों से बयान बदलवाए जा रहे हैं। बैठक में अमरोहा जामा मस्जिद के मुदर्रिस मुफ्ती अफ्फान मंसूरपुरी और मुरादाबाद के कई पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
सपा प्रतिनिधिमंडल के संभल जाने से पहले बड़ा एक्शन लिया गया है। शनिवार की सुबह उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव के घरों के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई। इसके अलावा, समाजवादी पार्टी (सपा) के एक और नेता श्यामलाल पाल के घर के बाहर भी पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। दरअसल, सपा के एक डेलिगेशन को संभल जिले में जाना था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने इन नेताओं को उनके घरों में ही नजरबंद कर दिया।