यूपी के कानपुर में बीएसपी मुश्किल दौर से गुजर रही है। वहां हाथी पर दांव लगाने वाले उम्मीदवारों का टोटा है। 110 वार्डों वाले कानपुर नगर निगम के कई वार्डों में पार्टी को पार्षद पद के प्रत्याशी नहीं मिल पा रहे हैं। इन हालात से नाराज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने मुख्य जोन इंचार्ज मुनकाद अली को ऐन चुनाव के बीच पद से हटा दिया है। उनकी जगह अब शम्सुद्दीन को निकाय चुनाव की जिम्मेदारी दी गई है।
मिली जानकारी के अनुसार बीएसपी को कानपुर 110 वार्डों में से सिर्फ 70 में प्रत्याशी मिल पाए हैं। जबकि 2017 के निकाय चुनाव में टिकटार्थियों के बीच होड़ दिखाई देती थी। मेयर के लिए भी पार्टी टिकट के कई दावेदार थे। तब भी बसपा ने अर्चना निषाद को अपना मेयर प्रत्याशी बनाया था। परिणाम आया तो अर्चना चौथे स्थान पर रहीं। पार्टी ने इस बार भी अर्चना निषाद को ही मेयर पद के लिए अपना प्रत्याशी बनाया है।
उधर, कानपुर की बिल्हौर नगर पालिका से भी जिन बाले गुप्ता को अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा थी अंत समय तक उनका नामांकन नहीं हो सका। माना जा रहा है कि पार्टी की इस स्थिति को लेकर जल्द ही जिला स्तर के कई पदाधिकारियों पर भी पार्टी सुप्रीमो कार्रवाई कर सकती हैं।
मायावती निकाय चुनाव में संगठन की स्थ्िाति से वाकिफ होते ही अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर सतर्क हो गई हैं। पार्टी से जुड़े जानकार नेताओं का कहना है कि इन्हीं स्थितियों को देखते हुए शम्सुद्दीन राइन को मुख्य जोन इंचार्ज की जिम्मेदारी सौंपी गई है। शम्सुद्दीन जल्द ही पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करके आगे की रणनीति बनाएंगे।