मलिहाबाद में छह गज जमीन के विवाद में परिवार के ही दबंगों ने अपने पट्टीदार के परिवार के तीन लोगों की लाशें गिरा दीं। देवरिया में पिछले दिनों हुए हत्याकाण्ड के बाद इतनी बड़ी वारदात की पुनरावृत्ति हुई है, जिसमें जमीन के टुकड़े के लिए एक ही परिवार के सात लोगों हत्या की गई थी। शुक्रवार को मलिहाबाद रहमत नगर में 20 बीघा बाग में पट्टीदारों (सहखातेदारों) के बीच जमीन को लेकर पैमाइश होनी थी।
तहसीलदार और लेखपाल की मौजूदगी में छह गज जमीन को लेकर विवाद हो रहा था। लल्लन खां ने वहां भी गाली- गलौज की थी। किसी तरह मामला शांत कराया गया था, जिसके बाद लल्लन खां अपने परिवार के फरीद खां के घर पहुंचे और इतनी बड़ी वारदात कर बैठे। फरीद खां के घर में लगे सीसीटीवी फुटेज में पूरी वारदात कैद हो गयी है, जिसमें चारों आरोपी राइफल से फायरिंग करते नजर आये हैं।
हत्याकांड के मुख्य आरोपी लल्लन खां 70-80 के दशक में बड़े अपराधियों में शुमार थे। उनके खिलाफ 20-22 अपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसमें आधा दर्जन से अधिक हत्या के मामले हैं। 70 वर्षीय लल्लन खां उर्फ सिराज उन दिनों पुराने लखनऊ में गब्बर सिंह के नाम से जाने जाते थे। वह लखनऊ में बुलेट और घोड़े से टहलते थे और अपना रुतबा दिखाते थे।
लल्लन खान पुत्र खलील खां चार भाई थे। रेहान खां, सगीर खां, मतीन खां व सलीम खां हत्याकांड में जान गंवाने वाली फरीद खां की फरहीन लल्लन खां की भतीजी है और सलीम खां की बेटी है। खलील खां भी पुारेन बदमाश थे। उनके खिलाफ भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
लल्लन खां पुलिस और दुश्मनों से बचने के लिए इन दिनों दुबग्गा-कानपुर बाईपास पर मकान बनाकर रह रहा है। ग्राम मोहम्मद नगर, रहमनत नगर में अंसारी बिरादरी की बहुतायत है। लल्लन के खौफ से ज्यादातर लोग अपने मकान और जमीन बेचकर कहीं और बस गए हैं। लल्लन और खलील खां दोनों भाइयों का क्षेत्र में बेहद खौफ रहता है। लल्लन के तीन बेटे हैं समाइल खां, फराज व एक अन्य है। समाइल व दूसरे भाई ने पोलैंड में वहीं लड़कियों से शादी कर ली है, जबकि फराज खां अपने पिता लल्लन खां के साथ रहता है।
लल्लन के नेत्रहीन भाई सगीर की उसके ही घर में संदिग्ध हालात में गोली लगने से पूर्व में मौत हो चुकी है। उनकी हत्या का आरोप बेटे खुदादाद खां पर लगा था, जिसमें पुलिस उन्हें क्लीनचिट दे चुकी है। इसके अलावा कई साल पहले लल्लन खां ने मोहम्मद नगर के मजरा बुलाकी हार में ट्यूबवेल से लगी जमीन पर कब्जे का प्रयास किया था, जिसमें गांव वालों ने मिलकर उनकी पिटाई की थी।
पूरे मामले में मलिहाबाद तहसील प्रशासन की लापरवाही देखी जा रही है। तहसील प्रशासन ने पुलिस को शुक्रवार को जमीन की पैमाइश करने की सूचना नहीं दी थी। पैमाइश के वक्त एक पक्ष हथियार लेकर पहुंचा था, इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी गई। निष्पक्ष जांच हुई तो मलिहाबाद तहसील के कई अफसर और लेखपाल पर गिर सकती है गाज। पीड़ित परिवार से मिलने डीएम सूर्यपाल गंगवार मौके पर पहुंचे और परिवार को ढांढस बंधाया और जांच के आदेश दिये हैं।