उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा हिमस्खलन स्थल में कई फीट बर्फ में अब भी फंसे चार मजदूरों को निकाले जाने के लिए रविवार को तीसरे दिन बचाव अभियान फिर शुरू कर दिया गया। चमोली के जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि मौसम साफ है और फंसे मजदूरों को निकाले जाने के लिए राहत एवं बचाव अभियान सुबह से फिर शुरू हो गया है।

उन्होंने बताया कि लापता मजदूरों की खोजबीन के लिए जीपीआर सिस्टम भी आने वाला है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इससे तलाशी अभियान में तेजी आएगी और लापता लोग आज खोज लिए जाएंगे। तिवारी ने बताया कि सेना की ओर से राहत कार्य के लिए एमआई-17 हेलीकॉप्टर भी देहरादून पहुंच गया है और मौके पर आने वाला है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) भी मौके पर है जबकि एनडीआरएफ के और जवान भी पहुंचने वाले हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि इस समय राहत कार्य के लिए सेना की ओर से एक निजी हेलीकॉप्टर समेत सात हेलीकॉप्टर राहत एवं बचाव में जुटे हैं।

उन्होंने बताया कि हेलीकॉप्टर के जरिए हादसे में घायल लोगों को माणा से वापस लाने का कार्य शुरू हो गया है। करीब 3200 मीटर की उंचाई पर स्थित माणा गांव के पास शुक्रवार को हिमस्खलन होने से वहां रह रहे सीमा सड़क संगठन के 54 मजूदर बर्फ में फंस गए थे।

मजदूरों की संख्या पहले 55 बतायी जा रही थी लेकिन एक मजदूर के हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित अपने घर सुरक्षित पहुंच जाने की सूचना मिलने के बाद इस संख्या को संशोधित कर 54 कर दिया गया। इनमें से 50 को शनिवार तक बाहर निकाल लिया गया था जिनमें से चार की उपचार के दौरान मृत्यु हो गयी।

मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता और उत्तर भारत के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल डी.जी. मिश्रा भी बचाव अभियान की निगरानी करने के लिए हिमस्खलन स्थल पर पहुंच गए हैं।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights