तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा ने शनिवार को कहा कि उनके खिलाफ ‘पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने’ के भारतीय जनता पार्टी (BJP) के आरोप विफल हो गए हैं क्योंकि इसके समर्थन में कोई सबूत नहीं है।
महुआ ने सवाल किया कि संदिग्ध एफपीआई के स्वामित्व वाले अडाणी को बंदरगाहों और हवाई अड्डों को खरीदने की मंजूरी कैसे मिल गई।
महुआ मोइत्रा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ पहले भाजपा ने कहा ‘सवाल के बदले पैसे’। इन फर्जी आरोपों के समर्थन में कोई सबूत नहीं होने के कारण यह विफल हो गया। अब यह ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ है। यह सही है कि प्रत्येक सांसद की टीम के 10 लोगों में से कोई प्रति दिन सांसद के पोर्टल का इस्तेमाल करता है। संदिग्ध एफपीआई स्वामित्व वाले अडाणी को हमारे बंदरगाहों और हवाई अड्डों को खरीदने के लिए गृह मंत्रालय की मंजूरी कैसे मिल गई! ’’
पैसे लेकर संसद में प्रश्न पूछने का आरोप लगाने वाले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक पोस्ट में कहा कि किसी अन्य व्यक्ति के साथ संसदीय पोर्टल लॉगइन साझा करना सरकारी निकाय एनआईसी के साथ करार का उल्लंघन है और यह सुरक्षा जोखिम है। उसके बाद मोइत्रा ने यह पोस्ट किया।
दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को एक पत्र में लिखकर मोइत्रा पर अडाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी के कहने पर लोकसभा में सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने और लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है।