रायबरेली में महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव के दौरे के दौरान एसपी ऑफिस में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक महिला फरियादी ने हाई वोल्टेज ड्रामा करते हुए शहर कोतवाल पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। यह घटना शहर कोतवाली के एसपी ऑफिस की है, जहां महिला को शांत कराने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
घटना मंगलवार की है, जब महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव रायबरेली के दौरे पर थीं। इसी दौरान एक महिला फरियादी ने एसपी ऑफिस में पहुंचकर शहर कोतवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। महिला ने पुलिस के कामकाज पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि बिना रिश्वत दिए उसकी कोई सुनवाई नहीं की जाती।
महिला की नाराजगी और आक्रोश इस कदर था कि उसे शांत कराने के लिए महिला पुलिस को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। महिला पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन महिला थानाध्यक्ष भी महिला को पकड़ने में असमर्थ रहीं और खुद गिर गईं। यह घटना वहां मौजूद सभी लोगों के लिए हैरान कर देने वाली थी।
घटना के समय अपर्णा यादव रायबरेली में महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कर रही थीं। जब इस घटना की जानकारी उन्हें मिली, तो उन्होंने तुरंत पुलिस अधिकारियों से बातचीत की और मामले की निष्पक्ष जांच का आदेश दिया। अपर्णा यादव ने कहा, “महिलाओं की समस्याओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
महिला फरियादी ने कहा, “मैं कई दिनों से अपनी शिकायत लेकर थाने के चक्कर काट रही हूं, लेकिन मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही। पुलिस अधिकारी रिश्वत मांगते हैं और जब मैंने रिश्वत देने से इनकार किया, तो मेरी शिकायत को नजरअंदाज कर दिया गया।”
घटना के दौरान महिला पुलिस अधिकारियों ने महिला को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन उसका गुस्सा शांत करना आसान नहीं था। प्रदर्शनकारी महिला का कहना था कि जब तक उसकी शिकायत नहीं सुनी जाएगी, वह वहां से नहीं हटेगी। महिला थानाध्यक्ष भी महिला को काबू में करने की कोशिश में गिर गईं, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई।
इस घटना ने पुलिस विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शहर कोतवाल पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों ने विभाग की साख पर बट्टा लगा दिया है। स्थानीय लोग भी पुलिस की कार्यप्रणाली से नाखुश नजर आए।
एसपी ने घटना का संज्ञान लेते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा, “महिला के आरोपों की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष टीम गठित की जाएगी, जो पूरे मामले की जांच करेगी। अगर कोई पुलिसकर्मी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
इस घटना के बाद रायबरेली का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। विपक्षी दलों ने इसे प्रदेश सरकार और पुलिस विभाग की विफलता करार दिया। नेताओं ने कहा कि जब एक महिला फरियादी की सुनवाई नहीं हो रही है, तो आम जनता की स्थिति क्या होगी?
घटना के तुरंत बाद, सोशल मीडिया पर यह मामला वायरल हो गया। लोगों ने पुलिस विभाग और स्थानीय प्रशासन की आलोचना करते हुए न्याय की मांग की। घटना से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो तेजी से शेयर किए जा रहे हैं।
मामले की जांच जारी है और महिला आयोग की उपाध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि महिला को न्याय मिलेगा। इस घटना ने प्रशासन को अपनी कार्यप्रणाली पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है।