महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार ने ‘माझी लाडकी बहिन’ योजना को लागू करके अपना वादा निभाया है और वह राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। ‘लाडकी बहिन’ योजना के कार्यान्वयन पर आयोजित महिला सशक्तिकरण सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने वादा किया कि अगर महिलाएं उनकी सरकार को अपना आशीर्वाद देंगी तो उनका भविष्य और भी बेहतर होगा। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, मंत्री दादाजी भुसे और छगन भुजबल तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

उन्होंने कहा, “हम वादे पूरे करने वाले लोग हैं। मेरी बहनों (लाभार्थियों) को रक्षाबंधन से दो दिन पहले उनके बैंक खातों में पैसे मिले। नासिक जिले में ‘लाडकी बहिन’ योजना के लिए 11 लाख आवेदकों में से आठ लाख को पैसे मिले। राज्य में करीब 1.40 करोड़ महिलाओं को पैसे मिले हैं।” उन्होंने आश्वासन दिया कि जिन महिलाओं के फार्म पर अब तक कार्यवाही नहीं हुई है और जो महिलाएं 31 अगस्त तक अपने फार्म जमा करा देंगी, उन्हें एक ही बार में तीन महीने की रकम दी जाएगी। शिंदे ने दावा किया कि विपक्षी दल इस योजना की आलोचना इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वे इसकी सफलता को पचा नहीं पा रहे हैं।

‘लाडकी बहिन’ योजना के तहत 21-60 आयु वर्ग की उन विवाहित, तलाकशुदा और निराश्रित महिलाओं को 1,500 रुपये की मासिक सहायता प्रदान की जाती है, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय सीमा 2.5 लाख रुपये है। शिंदे ने कहा कि बदलापुर में दो बच्चियों के यौन उत्पीड़न की घटना दुखद है, लेकिन त्वरित कार्रवाई की गई और अपराधी को पकड़ लिया गया। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार आरोपियों के लिए मृत्युदंड की मांग करेगी। विपक्षी दलों ने इस घटना का राजनीतिकरण किया। जैसे हमने ‘लाडकी बहिन’ दी, वैसे ही हम ‘सुरक्षित बहन’ देंगे। वे इस योजना का विरोध करके नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। जिन लोगों ने कोविड-19 महामारी के दौरान पैसा कमाया, वे अब खुद को संवेदनशील कहते हैं।”

शिंदे ने कहा कि अगर महिलाएं सरकार को आशीर्वाद देती हैं तो मासिक सहायता को 3,000 रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों के बिजली बिल माफी और युवाओं के लिए प्रशिक्षण योजना भी शुरू की है। ‘लाडकी बहिन’ योजना की आलोचना करने के लिए विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए फडणवीस ने कहा कि जो लोग अमीर घर में पैदा हुए हैं और होटलों में टिप के रूप में 1,500 रुपये देते हैं, वे इस राशि का महत्व नहीं समझेंगे। उन्होंने कहा, “इस राशि से महिलाओं को अपने पारिवारिक खर्च को संतुलित करने में मदद मिली है और उन्हें सम्मान मिला है।” कार्यक्रम के दौरान लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं के प्रमाण पत्र वितरित किए गए। कार्यक्रम में शिंदे ने मराठा समुदाय के कुछ प्रतिनिधियों के साथ भी चर्चा की।

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