फिल्म ‘महाकाल नगरी’ के मोशन पोस्टर रिलीज़ से सोशल मीडिया पर चर्चा में आ गया है। सोशल मीडिया पर मोशन पोस्टर के रिलीज से आवाज उठानी शुरू हो गइ है। हिंदू महासभा ने जहां सराहनीय बताया है।
कौमी एकता संगठन के रियाज ने फिल्म महाकाल नगरी के मोशन पोस्टर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का अंदेशा है। पोस्टर को लेकर धार्मिक संगठनों के बीच चर्चा है।
हालांकि UP निकाय चुनाव में लगी आचार संहिता के चलते संगठन सोशल मीडिया पर इसकी खुलकर मुखालफत और खिलाफत नहीं कर रहे हैं।
हालांकि UP निकाय चुनाव में लगी आचार संहिता के चलते संगठन सोशल मीडिया पर इसकी खुलकर मुखालफत और खिलाफत नहीं कर रहे हैं।
संजीव कुमार राजपूत द्वारा लिखित और निर्देशित इस फिल्म के मोशन पोस्टर में दिखाया गया है कि कैसे एक सनानती देश में आतंकवाद फ़ैलाने और देशद्रोही काम करनेवाले आतंकी का ख़ात्मा करता है और उसे कुचलता है।
निर्देशक संजीव कुमार राजपूत की माने तो “सनानत धर्म और सनातनियों की शांतिप्रिय स्वभाव से दुनिया वाक़िफ़ हैं। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि अगर देश पर कोई मुसीबत आए, आंच आए तो साधु-संत, धर्मगुरू आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ नहीं सकते हैं
फ़िल्म ‘महाकाल नगरी’ को लेकर संजीव कुमार राजपूत के समर्थन में आए लोगों का कहना है कि “आतंकवाद और आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता है।
जब कोई शख़्स हाथों में हथियार उठा लेता है, इंसानियत का क़त्ल करता है और देश विरोधी गतिविधियों में संलग्न पाया जाता है तो ऐसे में उस शख़्स की पहचान देश विरोधी लगती है।
देशद्रोहियों का धर्म नहीं देखा जाता है। ऐसे में ‘महाकाल नगरी’ के मोशन पोस्टर को किसी धर्म-विशेष से जोड़कर देखना सरासर ग़लत है और इसे विवादों में घसीटना उचित नहीं है।